नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से 17 मई तक पूरा देश लॉकडाउन है. कोरोना ने पूरे विश्व में अपना आतंक मचाया है. चीन से निकला यह वायरस एक एककर सभी देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. लॉकडाउन के कारण भारतीय नागरिक विदेशों में बड़ी संख्या में फंस गए है, जिन्हें वापस भारत लाने की तैयारी मोदी सरकार कर रही है.
केंद्र सरकार ने फ्लाइट्स और नेवी के जहाजों के जरिए विदेशों से भारतीयों को निकालने की मंजूरी दे दी है. विदेशों में फंसे भारतीयों को 7 मई से कई चरणों में लाया जाएगा. ऑपरेशन सही तरीके से हो सके, इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल तैयार किया गया है. भारत के हाई कमिशन और दूतावास लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए भारतीयों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं. लेकिन इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि विदेश से आने वाले भारतीयों की यात्रा मुफ्त नहीं होगी. उन्हें अपना खर्च खुद उठाना होगा यानी इसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे.
Government of India to facilitate return of Indian Nationals stranded abroad.
Process to begin from May 7 in a phased manner.@MEAIndia & @MoCA_GoI to soon share detailed info on their websites.#COVIDー19#IndiaFightsCoronavirus
Press Release 👇https://t.co/XPYsKYoiJ9 pic.twitter.com/cBrYUKT6Yl
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) May 4, 2020
भारत पहुंचते ही सभी लोगों की मेडिकल जांच कर अस्पताल या क्वारनटीन सेंटर में 14 दिन के लिए भुगतान के आधार पर रखा जाएगा. साथ ही उन्हें आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. 14 दिन के बाद कोरोना का दोबारा टेस्ट किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय जल्द ही अपनी वेबसाइट्स पर इस बात की जानकारी देंगे. राज्य सरकारों को वापसी करने वाले भारतीयों के परीक्षण, क्वॉरेटनाइन और अपने राज्य में आवाजाही की व्यवस्था बनाने के लिए सलाह दी जा रही है.