रायपुर. कोरोना वायरस को लेकर आज छत्तीसगढ़ से एक सुखद खबर सामने आई. कोरबा कटघोरा के एक 73 वर्षीय बुजुर्ग स्वस्थ होकर घर लौट गए. वे 16 वर्षीय बालक के संपर्क में आने वाले पहले शख्स थे. उसकी दो रिपोर्ट निगेटिव आई थी. इसके बाद उसे दे छुट्टी दी गई.

गौरतलब कि कोरोना वायरस बुजुर्ग पर अधिक घाटक होता है. अधिक उम्र वालों का रिकवरी चांस बहुत कम होता है, ऐसा ही मामला विदेशों में देखने को मिला. इटली से एक खबर आई थी वहां बुजुर्गों की हालात बेहद खराब है. बुजुर्गों को बचाना मुश्किल होता है, लेकिन एम्स रायपुर के डॉक्टरों के सेवा भाव ने असंभव कार्य को संभव कर दिखाया.

इसलिए उनसे जब टीवी रिपोर्टर ने एम्स में मिले इलाज के बारे में पूछा गया तो बुजुर्ग ने एम्स के लोगों की तारीफ करते-करते फूट-फूट कर रोने लगा, उसका गला रूंध गया, किसी तरह उसने अपनी बात पूरी की, और फिर वहां से निकल गया. शायद उसके मन में हालात को देखते हुए ये बात रही होगी, उसका बचना मुश्किल है. डॉक्टरों की मेहनत से मिले इस जीवनदान को पाकर वह धन्य हो गया. और ये जब एम्स रायपुर के डॉक्टरों के चमत्कार कह सकते हैं.

पत्थर फेंकने वालों को दिया संदेश

कई शहरों में कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर व पुलिस वालों पर पत्थर फेंके जा रहे हैं. उन पर हमला हो रहा है. अभद्र गालियां दी गई. ऐसे लोगों को बुजर्ग ने संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने दिन रात हमारी सेवा की, जान बचाया और कुछ लोग उन्हीं पर पत्थर बरसा रहे हैं. ये सही नहीं है. ऐसे लोगों को समझना चाहिए. वे हमें बचाना चाहते हैं. इसलिए डॉक्टरों का विरोध व पत्थर नहीं फेंकना चाहिए.

ताली बजाकर किया विदा  

इससे पहले एम्स से वह रवाना होने लगा तो वार्ड के भीतर और बाहर सभी डॉक्टरों, नर्सों, और बाकी चिकित्सा कर्मचारियों ने तालियां बजाकर उसे विदा किया,  और उसे सावधानी से रहने को भी कहा.

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