रायपुर। कोरोना वायरस का असर उद्योग और व्यापार पढ़ने से आगामी दिनों कई तरह के संकट गहराने के आसार दिख रहे हैं. खास तौर पर आर्थिक दिक्कतों के साथ रोजगार का संकट गहरा सकता है. क्योंकि उद्योगपतियों और व्यापारियों को चिंता इस बात को लेकर है कि मार्च का महीने के आखिर तक आईटी रिटर्न, डिस्प्यूट, जीएसटी जमा करना होता है. लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों के बीच कई सारे संस्थान बंद हो गए हैं. छत्तीसगढ़ के व्यापार और उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि इस आपात स्थिति में वे पूरी तरह से सरकार के साथ हैं. सरकार द्वारा दिए जा रहे सभी तरह के निर्देशों का पालन किया जा रहा है. लेकिन सरकार से हम भी सहयोग चाहते हैं.
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जितेन्द्र बरलोटा ने कहा कि बाजारों में सन्नाटा पसर गया है. लेकिन वे सभी दुकानें हमने खोल रखे हैं जहाँ से लोग दैनिक उपयोगी की समान ले सके. हम पूरी तरह से सरकार का सहयोग कर रहे हैं. लेकिन हमारे समाने बड़ी चुनौती ये है कि मार्च का महीना चल रहा है. इस महीने में व्यापारियों के सामने विभिन्न तरह के टैक्स पटाने काम रहते हैं. ये सारे काम करोना के मद्देनज़र उठाए कदमों से प्रभावित हो गए हैं. ऐसी स्थिति में हमारी केंद्र और राज्य सरकार से मांग है कि जीएसटी जमा करने, आईटी रिटर्न दाखिल करने सहित विभिन्न तरह के नोटिस, फाइन सहित विवादों को सुलझाने की जो अंतिम तारीख़ है उसे 2 माह आगे बढ़ा दिया जाए. इससे व्यापारियों की नहीं, बल्कि व्यापार से जुड़े तमाम लोगों की दिकक्ते दूर हो जाएगी.
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के इस घड़ी में हम पूरी तरह से भारत और राज्य सरकार के साथ खड़े हैं. सरकार के सभी निर्देशों का पालन उद्योग जगत की ओर से किया जा रहा है. लेकिन इस संकट का बहुत ही बुरा असर व्यापार जगत पर पड़ा है. हमारे सभी तरह के काम प्रभावित हो गए हैं. बाज़ार बंद होने से बड़ा नुकसान भी हो रहा है. राजधानी रायपुर में डेढ़ लाख लोगों की आवाजाही हर सभी क्षेत्रों से होती थी, आज 10 से 15 हजार तक लोग आ-जा रहे हैं. रायपुर में भी एक केस पॉजिटिव मिलने के बाद हमने अपने बहुत से कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है. ये बेहद विपरीत समय है. ऐसे समय में हम सरकार से राहत की मांग करते हैं.
अमर परवानी ने कहा कि सरकार को इस विपरीत परिस्थितियों में हमारी सरकार से यही मांग है कि आयकर जमा करने और जीएसटी भरने की जो अंतिम तारीख है उसे बढ़ा दिया जाना चाहिए. 30 जून तक हमें छूट प्रदान की जानी चाहिए. साथ ही बैंकों में 12 महीने तक ईएमआई को निलंबित किया जाना चाहिए. यही नहीं सरकार की ओर से राहत पैकेज भी दिया जाना चाहिए. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पता नहीं कितने दिनों तक व्यापार और बाज़ार पर कोरोना का प्रभाव रहेगा. ऐसे में सरकार को हमारी चिंता तत्काल दूर करनी चाहिए.
आयकर विभाग का नारा है विवाद से विश्वास-2020. हम चाहते हैं इस नारे को ध्यान में रखते हुए सरकार भरोसे को कायम रखे हैं और इस संकट की घड़ी में हमारी मदद करें.