समीर शेख, बड़वानी। शासन-प्रशासन कितना भी दावा कर ले किंतु जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं है. सामान्य नागरिकों के अलावा जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी कोरोना संक्रमण के बाद उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है. उन्हें बिस्तर और ऑक्सीजन के लिए घंटों बाहर इंतजार करना पड़ता है. इससे स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनोबल गिर रहा है. इन सब परिस्थितियों से जिले का स्वास्थ्य कर्मचारी संघ चिंतित है. उन्हेोंने अपनी चिंताओं से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सहित सांसद और केबिनेट मंत्री को लिखित में अवगत कराया है. स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कोरोना योद्धाओं के लिए अलग से कोविड सेंटर बनाने और कोरोना संक्रमण रुकने तक एएनएम द्वारा जारी टीकाकरण को रोकने की मांग की है.

बहुउद्देशीय स्वास्थ कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष दुर्गा सोनी ने बताई आपबीती

कोरोना योद्धाओं की आपबीती बहुउद्देशीय स्वास्थ कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष दुर्गा सोनी ने बताई है. उन्होंने कर्मचारी संघ की पीड़ा से मीडिया को अवगत कराया. उनकी मानें तो सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा कहती है, लेकिन वहीं कोरोना योद्धा जब कोरोना से संक्रमित हो जाता है तो उसे न बेड मिलता है न ऑक्सीजन. ना ही स्वास्थ्य सेवा मिल पा रही है. ऐसे में अंदाज लगाया जा सकता है कि आम लोगों को शासन की व्यवस्थाओं का कितना लाभ मिल रहा होगा.

स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराई हुई और स्वास्थ्य कर्मचारी खुद डरे हुए हैंं.

बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष ने आज कोरोना से जिले में हुई मौत पर भी सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा की लोग रोज मर रहे है. स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराई हुई है. स्वास्थ्य कर्मचारी खुद डरे हुए हैंं. ड्यूटी कर रहा कर्मचारी खुद संक्रमण का शिकार होकर खुद के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की जद्दोजहद कर रहा है तो, आम लोगों को क्या सुविधा मिलेगी ये बड़ा सवाल है. उन्हें अस्पताल प्रबंधन पर कोरोना से मौत के आंकड़े छिपाने के भी आरोप लगाए हैं.

कर्मचारियों के लिए अलग से कोविड वार्ड बनाने की मांग
उन्होंने स्वास्थ्य एवं मैदानी कर्मचारियों के लिए अलग से कोविड वार्ड बनाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि जिले में दो कर्मचारियों की कोरोना से मौत भी हो चुकी है. उन्होंने फिलहाल टीकाकरण को बंद करने की मांग की है. जिससे संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके.