दिल्ली में कोरोना वायरस(Corona Virus) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. हाल के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या 700 के पार पहुंच गई है, जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बन गया है. पिछले 24 घंटों में 42 नए संक्रमित मरीज सामने आए हैं, और इस वर्ष अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है. देशभर में सक्रिय कोरोना मामलों की कुल संख्या 6,491 है, जबकि 6,861 मरीज ठीक भी हो चुके हैं.

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दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि ने स्वास्थ्य विभाग को चिंतित कर दिया है. हाल ही में एक दिन में 105 नए मामले सामने आए, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या 562 तक पहुंच गई. अब, 700 से अधिक सक्रिय मामलों के साथ स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से अब तक दिल्ली में सात मौतें हुई हैं, जिनमें एक पांच महीने का शिशु और एक 87 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं.

केंद्र सरकार ने राज्यों को आवश्यक चिकित्सा संसाधनों, जैसे ऑक्सीजन और दवाओं, की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी है. इसी क्रम में, दिल्ली सरकार ने भी अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की तैयारी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि नए सब-वैरिएंट्स, जैसे JN.1 की उप-श्रृंखला LF.7 और NB1.8, के कारण मामलों में वृद्धि हो रही है. ये वैरिएंट्स पुरानी इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम हैं, हालांकि गंभीर बीमारी का खतरा अपेक्षाकृत कम है.

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दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे मास्क पहनें, भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें और यदि कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत परीक्षण कराएं. विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड की संभावित अगली लहर से निपटने की तैयारियों के बारे में जानकारी मांगी है.

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में व्यापक टीकाकरण और सामूहिक प्रतिरक्षा के कारण स्थिति नियंत्रण में है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि नए वैरिएंट्स अधिक संक्रामक हो सकते हैं, लेकिन ये गंभीर बीमारियों का कारण नहीं बन रहे हैं. इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग सतर्कता बनाए रखे हुए है और स्कूलों में बच्चों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

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केरल में सबसे अधिक केस

देश के विभिन्न हिस्सों में केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, जहां 1,600 से अधिक सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र का स्थान है. दिल्ली में प्रतिदिन औसतन 1,200 RT-PCR परीक्षण किए जा रहे हैं, और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.

महाराष्ट्र में कोविड के मामलों की संख्या 600 को पार कर गई है, जबकि केरल में सबसे अधिक 1957 सक्रिय केस हैं. इसके अलावा, गुजरात में 980 और पश्चिम बंगाल में 747 मामले दर्ज किए गए हैं. इन बढ़ते मामलों के मद्देनजर कोविड परीक्षणों की संख्या बढ़ा दी गई है, और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है.

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कितने लोगों की हुई मौत

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक दिल्ली में कोविड के कारण 7 लोगों की मृत्यु हुई है. गुजरात में 2, कर्नाटक में 9, केरल में 15, मध्य प्रदेश में 2 और महाराष्ट्र में 18 लोगों की जान गई है.

कोरोना को लेकर एडवाइजरी जारी

कोरोना महामारी का सामना देश पहले भी कर चुका है, जब स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि लॉकडाउन लागू करना पड़ा. इस दौरान कई लोगों की जान भी गई. ऐसे में सरकार ने भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए पहले से ही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. लोगों को सावधानी बरतने, मास्क पहनने और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत टेस्ट कराने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही, कोविड से बचाव के लिए दो गज की दूरी बनाए रखने की भी अपील की गई है.

कहां कितने एक्टिव केस

राज्य केस

आंध्र प्रदेश 85

महाराष्ट्र    607

राजस्थान   124

तमिलनाडु 207

असम      3

बिहार      50

चंडीगण    2

छत्तीसगढ़   41

दिल्ली     728

गोवा 9

गुजरात     980

हरियाणा    100

हिमाचल प्रदेश    3

जम्मू-कश्मीर     9

झारखंड    4

कर्नाटक    423

केरल 1957

उत्तर प्रदेश 225

पश्चिम बंगाल    747