जब कुछ लोग पहचान छिपाकर संकट की घड़ी में आम जनता की मदद करते है, तो वो लोग ‘सुपर हीरो’ कम नहीं होते हैं. वो भी आज के दौर में, जब हर कोई सुर्खियों में रहना चाहता हो. ऐसे ही कुछ पुराने दोस्तों ने अपना पहचान जाहिर किए बिना ही Whatsapp ग्रुप में कोरोनो पाड़ितों के लिए पैसा इकठ्ठा किया और प्रधानमंत्री सहायता कोष में दान दिया है. इन्हें कोई जानता तो नहीं है, लेकिन इनकी तारीफ करने से पीछे नहीं हट रहे है.
रायपुर। देश भर में कोरोना पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपील के बाद इनकी मदद के लिए आगे आकर कई लोग सोशल मीडिया और मीडिया में सुर्खियां बढ़ोर रहे हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक ऐसा वाट्सअप ग्रेजुएशन ग्रुप है. जिन्होंने अपना नाम तो सार्वजनिक नहीं किया, पर 24 दोस्तों के इस ग्रुप ने कोरोना पाड़ितों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाते हुए 28 हजार 200 रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष में सहयोग राशि दी है.
पहचान के तौर पर इन्होंने सिर्फ इतना बताया है कि 2006 में भिलाई के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की है और यही वाट्सअप के जरिए जुड़े. इनमें से कई लोग विदेश में भी काम कर रहे हैं. जबकि कुछ अलग-अलग राज्यों में है. इनके इस ग्रुप एक्टिविटी में स्वेच्छा से 501 रुपए प्रति व्यक्ति दान का नियम बनाया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने उससे अधिक की राशि भी दान कर अपना फर्ज निभाया है. इनकी यह नेक पहल क़ाबिल-ए-तारीफ़ है.
ऐसे ही तमाम लोगों को आगे आकर कोरोना पीड़ितों, जरूरतमंदों को आर्थिक और खाने पीने के रूप में मदद करनी चाहिए. जिससे मजदूर और गरीब वर्ग के लोग कोरोना तो नहीं बल्कि भूखे पेट मरने से बच सके. क्योंकि मजदूर शहरों से पैदल ही गांव की ओर पलायन कर रहा है. जिनके जरिए गांव-गांव तक कोरोना वायरस के फैलने की संभावना बढ़ सकती है.