लुधियाना. नगर निगम ने नामांकन से ठीक पहले रात 12 बजकर 18 मिनट पर भारतीय जनता पाटी के उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू को कोठी के बकाया किराए के तौर पर 1.87 करोड़ रुपए का नोटिस थमा दिया.

नोटिस मिलते ही रवनीत सिंह बिट्टू व उनके परिवार के हलक सूख गए क्योकि बिट्टू अपना नामांकन फार्म व एफिडेविट तैयार कर चुके थे उसमें किसी भी विभाग का बकाया म होने की बात लिख चुके थे. वहीं दूसरी तरफ इतनी भारी भरकम बकाया राशि को देखकर वो खुद पशोपेश में पड़ गए कि आखिर यह राशि शुक्रवार सुबह तक कैसे जमा होगी? बड़ी अड़चन यह भी थी कि शुक्रवार को सरकारी छु‌ट्टी के कारण दफ्तर बंद थे. रात को बिट्टू व उनके परिवार ने फैसला किया कि वो अपनी पैतृक संपत्ति गिरवी रखकर पैसे जमा करवाकर एनओसी लेंगे.

इसके लिए उन्होंने देर रात ही प्रयास शुरू किए और शुक्रवार को नामांकन से पहले यह बकाया राशि नगर निगम को जमा करवाकर एनओसी हासिल की. रणनीत सिंह मिट्टू ने सरकार पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया. बिट्टू ने कहा कि जब वो 2014 में लुधियाना से पहली बार सांसद बने तो सूचे में तब अकाली दल की सरकार थी. उस वक्त उन्हें यह कोठी अलॉट हुई. तब से वो लगातार कोठी के विजली, पानी, सीवरेज व अन्य सभी बिल भर रहे थे.

उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्होंने 2017 में जलालाबाद से विधानसभा का चुनाव व 2019 में लुधियाना से लोकसभा चुनाव लड़ा. उस दौरान उन पर किराए का कोई बकाया नहीं बताया गया. बिट्टू ने बताया कि जैसे ही उन्होंने 10 मई को नामांकन भरने का ऐलान किया वैसे ही सरकार ने उन्हें परेशान करने के लिए यह प्लान तैयार किया.

उन्होंने कहा कि नगर निगम ने अगर नोटिस देना था तो पहले देते तीरवार रात 12.18 बजे कौन सा दफ्तर खुला होता है जो कि उन्हें नोटिस दिया गया. बिट्टू ने कहा कि वो इस पूरे मामले की कानूनी राय लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि अब उन्होंने कोठी खाली कर दी है और अब वो या तो भाजपा दफ्तर में रहेंगे या फिर कोई नया ठिकाना तलाशेंगे.