दिलीप साहू, बेमेतरा। बहुमत हासिल करने के बाद भी नगर पालिका बेमेतरा में अध्यक्ष बनाने में नाकामयाब रहने पर इस्तीफा देने वाले भाजपा के 10 पार्षदों का मन बदल गया है. पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दी गई नोटिस पर सुनवाई के दौरान इस्तीफा नहीं देने की बात कही है.
बता दें कि बेमेतरा नगर पालिका के 10 नवनिर्वाचित भाजपा पार्षदों ने 10 जनवरी को बाकायदा शपथ पत्र के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर अपने विवेक से इस्तीफा देने की बात कही थी. इसके लिए उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है. अब ठीक 5 दिन बाद इन्हीं पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए गए नोटिस में सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि वे इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं. इस बात को पहले की ही तरह बाकायदा शपथ पत्र के जरिए कही. पार्षद के शपथ पत्र पर निर्वाचन अधिकारी ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है.
यह बताना लाजमी होगा कि नगरपालिका बेमेतरा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान भाजपा पार्षद द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद इस तरह के हालात बने थे. कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा था, जिसकी वजह से संगठन ने इस बात के लिए पार्षदों पर दबाव बनाया कि वे अपनी पद से इस्तीफा देकर बेदाग होने की पुष्टि करें. संगठन के दबाव में पार्षदों ने इस्तीफा तो दिया, लेकिन ठीक 5 दिन बाद संगठन को ही चकमा देकर अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
इस घटनाक्रम से एक बार फिर भाजपा संगठन की जिले में किरकिरी हुई है. संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह के हालात बने हैं कि इन पार्षदों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. अगर संगठन इन 12 पार्षदों के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई करती है तो बेमेतरा नगर पालिका में भाजपा शून्य में चली जाएगी. अब बैठक में इस बात की पुष्टि होगी कि इन पार्षदों के ऊपर संगठन का क्या रवैया होता है.
भाजपा जिलाध्यक्ष ने दुर्भाग्यजनक बताया
इस संबंध में जब जिला भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा है कि पार्षदों का इस्तीफा वापस लेना दुर्भाग्यजनक है. पार्टी संगठन की बैठक में इस मामले पर विचार किया जाएगा.