अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में 4.41करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई ने उत्तराखंड, यूपी, हरियाणा एवं दिल्ली में 24 विभिन्न स्थानों पर छापे मारे. जांच एजेंसी ने ऋषिकेश एम्स के पांच अफसरों समेत आठ लोगों व कंपनियों के खिलाफ दो केस दर्ज किए.
एम्स में दवा दुकान स्थापित करने और सड़क साफ करने वाली मशीन की खरीद में गड़बड़ी मामले में यह कार्रवाई की गई है. एजेंसी ने एम्स के तीन तत्कालीन शिक्षकों अतिरिक्त प्रोफेसर बलराम जी उमर, प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह, प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी शशि कांत, लेखा अधिकारी दीपक जोशी एवं दिल्ली स्थित प्रो-मेडिक डिवाइस कंपनी के मालिक पुनीत शर्मा को नामजद किया है. दूसरे केस में सीबीआई ने त्रिवेणी सेवा फार्मेसी कंपनी के साझीदार पंकज शर्मा और शुभम शर्मा और फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
सीबीआई का आरोप है कि अधिकारियों ने निविदा प्रक्रिया के सरकारी मानदंडों का घोर उल्लंघन किया. इन्होंने फर्जी आधार बनाकर नामचीन बोलीकर्ताओं को बेईमानी से बाहर किया. वहीं, महत्वहीन फर्मों को अनुमति दी. जिसने प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपने निविदा दस्तावेजों में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की.
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