अजय सूर्यवंशी, जशपुर । छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में करप्शन का बड़ा गेम देखने को मिला है. कृषि विभाग की काली करतूत सामने आई है. सांठगांठ कर 90 लाख का करप्शन किया गया है. नियम विरुद्ध खरीदी की गई है. चहेते वेंडर को मालामाल किया गया है. बताया जा रहा है कि 2 करोड़ 40 लाख जल्द बिन बारिश पानी में बह जाएंगे. कृषि विभाग के अधीनस्थ कार्यालय भूमि संरक्षण विभाग में तालाब निर्माण के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है. वर्तमान में पदस्थ अधिकारी ने नियम विरुद्ध खरीदी करने की वजह से निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है.

जशपुर जिले में कृषि विभाग के अधीनस्थ विभाग भूमि संरक्षण कार्यालय में लघुत्तम सिंचाई तालाब योजना अंतर्गत जिले के 6 जगहों पर किसानों को सिंचाई की व्यवस्था करने के उद्देश्य से तालाब का निर्माण कराया जा रहा है जहाँ एक तालाब के लिए 40 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.

मिली जानकारी के मुताबिक 6 तालाब के लिए तकरीबन 2 करोड़ 40 लाख की लागत से तालाब निर्माणधीन है, लेकिन विभाग के सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी दिलीप भगत के द्वारा निर्माण कार्य के नाम पर नियम विरुद्ध 90 लाख की सामग्री क्रय की गई है..

वहीं अपने पसंदीदा वेंडर जो पिछले 5 साल से इस विभाग में काम को अंजाम दे रहे हैं, जिससे सांठगांठ करके योजना पर जमकर भ्रष्टाचार का खेल बदस्तूर जारी है. वर्तमान में पदस्थ अधिकारी ने इस कार्य को नियम विरुद्ध खरीदी करने की वजह से रोक लगा दी है. उच्च विभाग से मार्गदर्शन के लिए पत्र व्यवहार किया है.

नियम के अनुसार खरीदी के लिए क्रय नियमों का पालन किया जाना था, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के 2 प्रमुख अखबार में खुली निविदा आमंत्रित की जानी थी, लेकिन विभागीय अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध खरीदी करके भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है.

इस मामले में जशपुर सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी योग्यता सिंह ने कहा कि पूर्व अधिकारी द्वारा भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया था, जिसके कारण सामग्री का क्रय रोक दिया गया है. पानी के बहाव के कारण डैम के फूटने की संभावना को देखते हुए पूर्व में ख़रीदी गई समान से गेट का निर्माण कराया गया है. इस मामले को लेकर उच्च विभाग को संज्ञान देकर मार्गदर्शन के लिए मेरे द्वारा पत्रव्यवहार किया गया है. उच्च विभाग से जो भी दिशा निर्देश प्राप्त होंगे. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी..

वहीं सहायक संचालक कृषि एमआर भगत ने 90 लाख के भ्रष्टाचार मामले में कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है. अभी कुछ नहीं कह पाऊंगा, मुझे कुछ दिन और समय जांच करने के लिए चाहिए.

बहरहाल, मामला अब उच्च विभाग के पाले पर है, देखते हैं इस मामले पर उच्च विभाग किस तरह का रुख इख्तियार करता है. अगर इस मामले पर जांच हुई तो करोड़ों का घोटाला उजागर होगा.

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