रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में रायपुर-विशाखापटनम प्रस्तावित इकनोमिक कॉरिडोर के लिए अभनपुर अनुविभाग में भूमि अधिग्रहण में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला दिल्ली तक पहुंच गया है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने विधानसभा में आवाज उठाने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. यह भी पढ़ें : Ram Navami 2025: श्रीराम की भक्ति में सराबोर हुआ देश, अयोध्या, ओरछा समेत हर राज्य में ऐसे मनाया जा रहा रामलला का जन्मोत्सव…

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में भारतमाला परियोजना में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार की बिंदुवार जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किस तरह से भारत सरकार को कम से कम 43,18,27,627 रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई.

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में उनके सवाल पर राजस्व मंत्री ने स्वीकार किया था कि जांच रिपोर्ट के अनुसार फर्जी नामांतरण प्रकरण तैयार कर मुआवजा स्वीकृत किए जाने से शासन को आर्थिक क्षति होना प्रतिवेदित किया गया हैं.

जांच प्रतिवेदन के अनुसार, वास्तविक मुआवजा राशि 7,65,30,692.00 रुपए होता है, लेकिन मुआवजा राशि का निर्धारण और भुगतान 49,39,40,464 रुपए किया गया. इस प्रकार से 43,18,27,627.00 रुपए का अधिक निर्धारण कर मुआवजा दिया गया.

डॉ. महंत ने बताया कि जांच प्रतिवेदन के निष्कर्षों के अनुसार, भूमि के अर्जन की वैधानिक अधिसूचना के प्रकाशन के पश्चात् पूर्व की तिथियों में क्रय/विक्रय पंजीयन/बटांकन/नामांतरण की विधि विरूद्ध कार्यवाहियां की गई, जिसके कारण भूमि के खातों का विभाजन हुआ. इसी वजह से बहुत अधिक दर से मुआवजा निर्धारण हुआ.

उन्होंने बताया कि विधानसभा में चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री और मुख्यमंत्री से भारत सरकार की परियोजना में भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से या फिर विधायकों की कमेटी से कराए जाने का सुझाव दिया. लेकिन राजस्व मंत्री ने कमिश्नर से जांच कराने की घोषणा की. इसके बाद शाम को ही मंत्रि परिषद् की बैठक इस प्रकरण की जांच ईओडब्ल्यू से कराने का फैसला लिया गया.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि ईओडब्ल्यू राज्य की एक एजेंसी है, इसलिए भारतमाला परियोजना के आर्थिक अपराध की जांच करने के लिए राज्य की कोई भी एजेन्सी सक्षम नहीं है, क्योंकि उसकी कार्रवाई को सक्षम न्यायालय में सक्षमता के प्रश्न पर चुनौती दी जा सकती है. इससे राज्य की एजेन्सी की कार्यवाही अवैधानिक ठहराई जा सकती है, और भ्रष्टाचारी दण्ड से बच सकते हैं.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने इसके साथ छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत सड़क निर्माण करने के लिए किए गए तमाम भूमि अधिग्रहण में आपराधिक षड़यंत्रपूर्वक भ्रष्टाचार का संगीन आरोप लगाया. इसके साथ उन्होंने अभनपुर अनुविभाग के साथ-साथ भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अर्जन तथा मुआवजा निर्धारण के अन्य सभी प्रकरणों की भी जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की.