अभिषेक मिश्रा, धमतरी. पीडीएस राशन को लेकर तरह-तरह के घोटाले पहले सामने आ चुके हैं. अब धमतरी में एक नए तरीके का भ्रष्टाचार सामने आया है. पहले खरतुली के राशन दुकान में राशन का स्टॉक कम निकला, जब खाद्य विभाग ने दुकान चलाने वाले महिला समूह को बाजार से राशन खरीदकर स्टॉक पूरा करने के लिए दबाव डाला तब महिला समूह ने खाद्य निरीक्षक पर प्रताड़ित करने और रिश्वत लेने का आरोप लगाया. अब खेल में खेल ये है कि अचानक से ही महिला समूह बैक फुट पर है और खाद्य निरीक्षक के खिलाफ इस गंभीर शिकायत को वापस लेने की बात कह रहा है. माना जा रहा है कि अंदर ही अंदर सेटिंग कर ली गई है. अब जो भी हो खाद्य विभाग में सरकारी राशन और पैसों को कैसे गबन किया जाता है, ये जरूर सामने आ गया है.

ये मामला तब उजागर हुआ जब राशन दुकान चलाने वाले महिला स्व सहायता समूह ने लिखित शिकायत कर आवाज उठाई और एक खाद्य निरीक्षक पर नाम जद रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. खाद्य निरीक्षक नरेश पिपरे पहले भी कई तरह के विवादों में रहे हैं. अब खरतुली गांव की महिला समूह का आरोप है कि राशन सप्लाई करने वाले ट्रक चालक रास्ते में माल पार कर देते हैं और समूह को कम राशन मिलता है. उसी स्टॉक को मेंटेन करने के लिए पहले दबाव बनाया गया और अब उसकी भरपाई करने के लिए निरीक्षक ने 7 हजार की रिश्वत ली है.

इस मामले में महिला समूह ने कलेक्टर को आवेदन देते हुए खाद्य निरीक्षक पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, हालांकि खाद्य निरीक्षक इन आरोपों को झूठा बता रहे हैं. अब ये खबरें भी आ रही है कि निरीक्षक ने शिकायत करने वालों को मनाने और शिकायत वापस लेने के लिए राजी करने में पूरी ताकत लगा दी है.

इस मामले में महिला स्व सहायता समूह की चंद्रकला साहू ने कहा कि, नरेश पिपरे ने हालांकि 7 हजार रुपये की रिश्वत ली है, लेकिन अब वो राशन की भरपाई करने को तैयार है इस कारण हम शिकायत वापस लेने जा रहे हैं, लेकिन अब सवाल उठता है कि राशन का स्टॉक भले ही पूरा हो जाए, लेकिन रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध है, तो क्या समूह के शिकायत वापस लेने से इस अपराध को नजर अंदाज कर दिया जाएगा या उसकी जांच होगी.??