पडरौना (कुशीनगर). सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा योजना केवल कागजी आंकड़ों तक सिमट कर रह गई है. जिम्मेदार इस योजना में जमकर लूट-खसोट कर सरकारी धन का बंदरबांट कर अपनी जेब भरने में लगे हैं. असल में जो इसके हकदार हैं मनरेगा मजदूर वह मारे-मारे फिर रहें हैं, उनके घर के चूल्हे किसी तरह जल रहे है, तो वहीं जिम्मेदार इनके हक पर डाका डाल मौज कर रहे हैं. अगर कोई ग्रामीण इसकी शिकायत करता है तो जिम्मेदार अधिकारी मामले की लीपापोती कर उसे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं.

मनरेगा में लूट खसोट सरकारी धन का बंदरबांट अनवरत चलता रहा है. बिना काम कराए हैं अपने चहेते गिने-चुने मनरेगा मजदूरों के खाते में सारा पैसा भेजने के बाद अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया जाता है. इस तरह मनरेगा योजना पडरौना विकास खंड में भ्रष्टाचार के भेट चढ़ कर रह गई हैं.

मामला पडरौना विकास खंण्ड के सिंघल जोड़ी ग्राम पंचायत का हैं जहां मनरेगा योजना से पोखरी की खुदाई जेसीबी मशीन से करवाकर मनरेगा योजना से भूगतान करा लिया गया है, तो वहीं भूगतान के बाद भी कार्यस्थल पर कहीं भी डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगाया गया है, ताकि ग्रामीण यह जान सके कि यह कार्य मनरेगा योजना से हुआ हैं तो वही जिम्मेदार अधिकारी आफिसों में बैठ बिना जांच पड़ताल किए योजना के पैसे का भुगतान कर दिए. तीन पोखरे की खुदाई में सत्रह से अठ्ठारह लाख रुपए का भुगतान हुआ है, लेकिन जो असल में मनरेगा मजदूर हैं वह आज भी बेरोजगार बने हुए हैं.

वहीं ग्राम पंचायत में सड़कों की भराई का कार्य सिर्फ कागजी आंकड़ों में दिखाकर उसका भुगतान करा लिया गया है. इस तरह मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार और लुट-खसोट जारी है और मनरेगा योजना के मजदूरों के हक पर डाका डाल सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है, अगर कोई ग्रामीण इसकी शिकायत करता है तो जांच के नाम पर लीपापोती कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है और यह लूट खसोट अनवरत चलता रहता है. ग्रामीणों की माने तो जिस पोखरी की खुदाई जिस दिन जेसीबी से कराई जा रही थी, उस दिन भी ब्लॉक के अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन भुगतान होने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई इस पर नहीं हुई है स्पष्ट रूप से जेसीबी से खुदाई का वीडियो सामने आया है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मामले में लीपापोती करनें में जुटे हैं.

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खुद मोबाइल पर जो ब्लाक के टीए है, उनसे उनके मोबाइल नम्बर पर बात की गई तो वे स्वीकार कर रहें हैं की पोखरी की खुदाई जेसीबी मशीन से रात में हुई है. अब सबसे बड़ा सवाल जब जेसीबी मशीन से खुदाई हुई हैं उनके द्वारा स्टीमेट बना एमबी कर भुगतान कैसे करा लिया गया. वहीं पूरे मामले पर खंड विकास अधिकारी जांच कर कार्रवाई की बात करते हैं, अब देखने वाली बात होगी इस पूरे मामले में किस तरह की कार्रवाई होती है या मामले को ठंडे बस्ते में डाल लीपापोती की जाती है.