अनूप दुबे, कटनी (ढीमरखेड़ा)। मध्य प्रदेश में कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील में फिर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां ग्राम पिपरिया शुक्ल में बाढ़ आपदा पीड़ितों से मुआवजा दिलवाने के नाम पर लेनदेन और शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार किया जा रहा। जैसे लेकर सीडीएम ने 15 सदस्य की टीम तैयार कर जांच शुरू की है।

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11 अक्टूबर को ग्रामीणों के द्वारा तहसील मुख्यालय पहुंचकर रोजगार सहायक के खिलाफ जमकर हंगामा किया था। ग्रामीणों की समस्या को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रकाशित की थी। जिसके बाद जनपद सीईओ ने जांच दल गठित की। वहीं एसडीएम ने भी 15 सदस्यीय दल बनाई है। जिसकी जांच जिला पंचायत सदस्य अजय गोटिया की उपस्थिति में हुई।

जांच दल के द्वारा ग्रामीणों के कथन लिए गए। जिला सदस्य ने भी मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि, बाढ़ आपदा और शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार में रोजगार सहायक के अकेले की बस की बात नहीं है। इस पूरे फर्जीवाड़े में अधिकारियों का भी संरक्षण है। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि, राजनीतिक संरक्षण के कारण रोजगार सहायक के द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

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बाढ़ आपदा में रोजगार सहायक के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया। बहरहाल ग्रामीणों में चर्चा का विषय है कि रोजगार सहायक के खिलाफ एफआईआर और कड़ी कार्रवाई हो सकती है। एसडीएम विंकी सिंहमारे ने बताया कि, रोजगार सहायक के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की 15 सदस्यीय टीम जांच कर रही है। अभी जांच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ। प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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