प्रवीण साहू, अभनपुर। राजिम कुम्भ कल्प 12 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. आस्था, श्रद्धा और भक्ति से ओत-प्रोत इस आयोजन के ध्येय को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की करस्तानी मटियामेट करती नजर आ रही है. कार्यों में साफ-साफ नजर आ रही खामी आयोजन के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है. यह भी पढ़ें : नए स्वरूप में दिखेगा राजिम कुंभ कल्प : 20 सालों बाद बदला मेला स्थल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 54 एकड़ में भव्य मंच बनकर तैयार

राजिम कुंभ कल्प के दौरान श्रद्धालुओं के स्नान के लिए रायपुर जिले के नवापारा के नेहरू घाट के पास जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले वर्षों की तरह इस बार भी स्नान कुंड का निर्माण करवाया जा रहा है. कार्य को लेकर किस तरह की लापरवाही बरती जा रही है, इसे साफ देखा जा सकता है.

कुंड के किनारे पिछले वर्ष की रेत से भरी सड़ी-गली और पुरानी बोरियों के ऊपर रेत की एक-दो परत नई बोरियों को रख दिया गया है. इसके अलावा कुंड की गहराई भी यथावत है, याने इस बार इसकी न तो सफाई की ओर ध्यान दिया गया है, और न ही कुंड को गहरा किया गया है.

जानकार बताते हैं कि विभागीय अधिकारी नये निर्माण सामग्रियों और कुंड के गहरीकरण का पैसा निकालकर ठेकेदार के मिलीभगत कर गबन कर लेंगे. स्पष्ट है कि कार्य के नाम पर विभागीय अधिकारी राज्य सरकार की आंख में धूल झोंकने का प्रयास कर रहे हैं. इस खामी की तस्वीर को मन-मस्तिष्क में प्रदेश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु लेकर अपने-अपने घरों में जाएंगे. केवल छवि का ही नहीं इस खामी से अनहोनी भी हो सकती है.

मामले में अभनपुर जल संसाधन विभाग के एसडीओ आनंद निकोसे का कहना है कि कुंड निर्माण करने वाले के द्वारा अगर ऐसा किया जा रहा है, तो मैं उसे दिखवाता हूं. कुंड निर्माण में सामग्रियों और गहराई का भौतिक सत्यापन कर जितनी नई सामग्री होगी, उतने का ही भुगतान किया जाएगा. साथ ही काम के अनुरूप ही भुगतान किया जाएगा.