वाराणसी में कफ सिरप तस्करी केस ने बड़ा मोड़ ले लिया है. जांच में सामने आया है कि आरोपी शुभम जायसवाल ने कफ सिरप की काली कमाई और बाहरी नेटवर्क की मदद से दाऊद गिरोह के संपर्क में आकर दुबई में पनाह ली. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, वह अपनी कमाई का हिस्सा दुबई में निवेश करने की तैयारी में था. इसी बीच मीरजापुर–जौनपुर बेल्ट में होलसेलरों द्वारा बिना रिकॉर्ड 2 लाख से ज्यादा कफ सिरप बेचने का खुलासा हुआ है. मेडिकल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की जांच तेज कर दी गई है और कई दुकानों पर एफआईआर व छापेमारी जारी है.
बता दें कि सील सीले कफ सिरप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का दायरा पहल से बढ़ चुका है.. ईडी यूपी के साथ मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड तक फैले इस सिंडीकेट की जांच कर रहे है. इसके लिए ईडी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) से अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है.
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दरअसल, अमित सिंह टाटा के गिरफ्तार होने के बाद उसने कबूला था कि विकास सिंह नरवे ने उसकी मुलाकात शुभम जायसवाल से कराई थी. ऐसा ही बयान बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह ने भी एसटीएफ को दिया है. शपभम और अमित की तरह नरवे भी चुनाव लड़ने की फिराक में था. पूर्वांचल के तमाम बाहुबलियों से संपर्क होने के बाद वह आजमगढ़ में अपना दबदबा कायम करता जा रहा था. अब एसटीएफ उसकी तलाश में आजमगढ़ से लेकर लखनऊ तक छापे मार रही है.
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