दिल्ली सोमवार की शाम एक बार फिर धमाके से दहल उठी. शाम 6 बजकर 55 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर जोरदार विस्फोट हुआ. पुलिस ने अब तक 13 लोगों की मौत और 30 के घायल होने की पुष्टि की है. घायलों को लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है. गृहमंत्री अमित शाह ने खुद घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने घटना स्थल का भी दौरा कर जानकारी ली.

धमाका इतना तेज था कि वहां खड़ी 5 से 6 गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए. चश्मदीदों के मुताबिक, एक इको वैन के पास यह विस्फोट हुआ था. शुरुआती जांच में हाई इंटेंसिटी ब्लास्ट की बात सामने आई है. हालांकि, विस्फोट का कारण और जिम्मेदार कौन है, इस पर अभी तक किसी अधिकारी ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

सुबह ही मिला था 2900 किलो विस्फोटक केमिकल

अब बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या दिल्ली ब्लास्ट का कनेक्शन उस खतरनाक केमिकल बरामदगी से जुड़ा हो सकता है, जो कल देर रात जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़ा गया था. पुलिस ने 2,900 किलोग्राम आईईडी बनाने का सामान, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था. यह बरामदगी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के दौरान हुई थी.

अब सवाल यही है क्या दोनों घटनाओं के बीच कोई तार जुड़ा हुआ है? क्या दिल्ली धमाका उसी नेटवर्क की एक झलक है, जिसकी जड़ें सुबह उजागर हुई थीं? हालांकि, फिलहाल एनआईए और दिल्ली पुलिस ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है, लेकिन जांच एजेंसियां हर एंगल से जांच में जुटी हैं.

जम्मू-कश्मीर से लेकर फरीदाबाद तक फैला नेटवर्क

जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, सुबह तक इस कार्रवाई में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं . डॉ. मुअज़मिल अहमद गनई (फरीदाबाद से) डॉ. आदिल (कुलगाम निवासी). इनके अलावा आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (सभी श्रीनगर), मौलवी इरफान अहमद (शोपियां), और जमीर अहमद अहांगर (गंदरबल) को भी पकड़ा गया है. फरीदाबाद में पकड़े गए डॉक्टर मुअज़मिल के घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, एके-56 राइफल, AK Krinkov, बरेटा पिस्टल, चीनी स्टार पिस्टल और सैकड़ों कारतूस बरामद हुए हैं. पुलिस का कहना है कि ये आरोपी व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का हिस्सा थे. यानी पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स जो आतंकवाद को तकनीकी और आर्थिक मदद दे रहे थे.

देश में हाई अलर्ट घोषित

दिल्ली पुलिस ने धमाके के तुरंत बाद राजधानी समेत पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया. एनआईए, स्पेशल सेल और फॉरेंसिक टीमों को मौके पर भेजा गया. एनआईए की टीम ने घटनास्थल से मिट्टी और वाहन के अवशेषों के सैंपल उठाए हैं, ताकि विस्फोटक की प्रकृति और स्रोत का पता लगाया जा सके. दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा खुद घटनास्थल पर मौजूद हैं. गृह मंत्री अमित शाह को पूरी घटना की जानकारी दी गई है. गृह मंत्रालय की टीमें लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमित शाह से बात कर स्थिति की जानकारी ली है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. पीएम मोदी ने घटना को लेकर दुःख भी प्रकट किया है.

जैश का एंगल गहराता जा रहा है

जम्मू-कश्मीर में मिली बरामदगी और दिल्ली धमाके के समय-समय की नजदीकी ने एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. जम्मू में गिरफ्तार आरोपी जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय स्लीपर सेल से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क शिक्षण संस्थानों और सोशल प्लेटफॉर्म्स के जरिए युवाओं को प्रभावित कर रहा था. जांच एजेंसियों को शक है कि बरामद केमिकल का कुछ हिस्सा दिल्ली तक पहुंचा था, और वही किसी स्थानीय मॉड्यूल के जरिए इस्तेमाल किया गया. हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एजेंसियों ने इस संभावना से इंकार भी नहीं किया है.

व्हाइट कॉलर आतंकवाद का नया रूप

अब तक आतंकवाद को बंदूक और बारूद तक सीमित समझा जाता था, लेकिन इस केस ने यह धारणा बदल दी है. गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर जो सोशल सर्विस के नाम पर काम कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए संपर्क करता था. हथियारों की सप्लाई, फंड मूवमेंट और विचारधारा फैलाने का काम यही लोग कर रहे थे.

हमेशा रहती है भीड़

दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि धमाके में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक आईईडी (Improvised Explosive Device) हो सकता है. हालांकि, इसकी पुष्टि फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही होगी. लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर जहां ब्लास्ट हुआ, वह इलाका पर्यटकों और आम लोगों से हमेशा भरा रहता है.

जांच की दिशा

एनआईए और दिल्ली पुलिस की जॉइंट टीम ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं. शुरुआती तस्वीरों में एक सफेद इको वैन धमाके से ठीक पहले दिखाई दे रही है. टीम उस वाहन की रजिस्ट्रेशन डिटेल और मूवमेंट ट्रेस कर रही है. साथ ही धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक की केमिकल रिपोर्ट के लिए CFSL को सैंपल भेजे गए हैं. दिल्ली और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में संदिग्ध वाहनों की तलाशी शुरू कर दी गई है.

गृह मंत्रालय की निगरानी में पूरा ऑपरेशन

गृह मंत्री अमित शाह ने एनआईए, आईबी और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देर रात आपात बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह निर्देश दिए गए कि दिल्ली और आसपास के राज्यों में संपर्क अभियान तेज किया जाए. किसी भी संदिग्ध की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए. सोशल मीडिया और डार्कनेट प्लेटफॉर्म्स की कड़ी मॉनिटरिंग की जाए.

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