रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव समिति की बैठक खत्म हो चुकी है. राज्य सरकार ने नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव करने का ऐलान किया है. नगरीय निकाय मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा समिति ने निर्णय लिया है कि अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही नगरीय निकायों के चुनाव होंगे. मध्यप्रदेश की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ भी नगरीय निकाय चुनाव होंगे. नगरीय निकाय चुनाव में महापौर, पालिकाध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्षों के चुनाव सीधे नहीं होंगे. इनका चुनाव सामान्य सभा के लिए चुने गए पार्षदों द्वारा करवाए जाएंगे. प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में अब पार्षद ही महापौर और अध्यक्ष चुनेंगे. बैठक के बाद समिति में शामिल केबिनेट मंत्री शिव डहरिया, मोहम्मद अकबर और रविन्द्र चौबे ने मंत्रालय में प्रेस कांफ्रेंस कर ये जानकारी दी.
नगरी प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया ने उप समिति की बैठक में कहा कि अब अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्ष का चुनाव होंगे इसका मसौदा तैयार है. इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा. मतपत्रों से ही नगरीय निकायों का चुनाव होगा. आरक्षण रोस्टर के आधार पर जो पात्र है वही मेयर बन सकता है.
वहीं खरीद फरोख्त की आशंका को लेकर वन मंत्री मुहोम्मद अकबर ने कहा ऐसा कुछ नहीं होगा. निर्वाचन व्यय में कमी को लेकर यह निर्णय लेना आवश्यक था. सीमित साधन में भी पार्षद बन सकते हैं. जनता को उनके वास्तविक अधिकार मिलने चाहिए इसलिए यह फैसला किया गया.
गौरतलब है कि साल 1994 में अविभाज्य एमपी में महापौर और अध्यक्ष पार्षद करते थे. इसके बाद साल 1999 से इनका चुनाव, विधायक -सासंद की तरह सीधे जनता के द्वारा होता आ रहा है.