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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के करोड़पति GIC के रिटायर प्रिंसिपल श्यामलाल की हत्या करके लाश को UP के देवबन्द में फेंक दिया गया. पुलिस ने अजय कुमार और धनराज चावला को गिरफ्तार किया तो हत्या का खुलासा हुआ. हत्या को युवती गीता और उसके पति MBBS स्टूडेंट हिमांशु ने करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए अंजाम दिया था. दोनों फरार हैं. चर्चा है कि गीता ने बुजुर्ग को दोस्ती के जाल में फंसाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया हैं.
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थाना पटेलनगर में निधि राठौर नाम की युवती ने अपने पिता श्यामलाल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. बताया कि वह पीठावाला चंद्रबनी स्थित अपने घर से बाइक पर कहीं गए और वापस नहीं लौटे. उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ है. जांच के दौरान पता चला कि श्यामलाल के घर से निकलने से पहले किसी गीता नाम की महिला के साथ फोन पर बात हुई थी. नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड और सर्विलांस के माध्यम से जानकारी जुटाने पर पता चला कि गुमशुदा श्यामलाल और उक्त महिला के बीच उनके घर से निकलने के बाद चार बार बात हुई.
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इसके अलावा, महिला और श्यामलाल की लोकेशन भी एक ही स्थान पर रहने का पता चला. पुलिस ने श्यामलाल के घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरे जांचे तो उनके घर से मोटरसाइकिल पर किशन नगर चौक होते हुए उक्त महिला के देहरादून स्थित किराये के घर में के पास जाने की पुष्टि हुई. लेकिन वापस घर की ओर जाने का कोई फुटेज नहीं मिला. इस पर पुलिस ने संदिग्ध महिला गीता और उसके पति के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो दोनों देहरादून से फरार मिले और फोन नंबर भी बंद पाए गए.
देवबंद में ठिकाने लगाया शव
महिला गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी मूल रूप से रुड़की के रहने वाले हैं और दून में किराये पर रह रहे थे. महिला का पता लगाने के लिए उसके मायके देवबंद सहारनपुर में दबिश दी गई. जहां महिला के भाई अजय कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया तो पता चला कि उसकी बहन और जीजा ने श्यामलाल की हत्या कर दी है, जिसके बाद उसने अपने एक अन्य साथी धनराज के साथ मिलकर मृतक के शव को देवबंद में ही ठिकाने लगा दिया है.
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