चंद्रकांत देवागंन, दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दुर्ग न्यायालय से बड़ी राहत मिली है. विशेष न्यायालय ने भूपेश बघेल पर मानसरोवर कालोनी के जमीन को गलत ढंग से अपने नाम किये जाने के सांसद विजय बघेल के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत मामले में ACB द्वारा खात्मा के लिए लगाए आवेदन को स्वीकृति दे दी है. न्यायालय ने मामले में किसी तरह के साक्ष्य जमीन को गलत ढंग से अपने नाम कराये जाने के प्रमाण नहीं होने पर खात्मे की अनुमति दी है.

सांसद विजय बघेल द्वारा पूर्व में भूपेश बघेल के खिलाफ कराई गई शिकायत पर राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो के द्वारा खात्मे के लिए दुर्ग विशेष न्यायालय में आवेदन किया था. विजय बघेल के वकील ने मामले के खात्मे की पूर्ण जानकारी मांगी थी. न्यायलय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया. पूरा मामला मानसरोवर कॉलोनी भिलाई तीन में मध्यमवर्गीय और ईडब्ल्यूएस का 12 प्लाट का था.

ये है पूरा मामला

प्रार्थी विजय बघेल ने मई 2016 में राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो शिकायत की थी. जिसमें उल्लेख था कि साडा कार्यकाल में वर्ष 1996-97 में भूपेश बघेल ने मां और पत्नी के नाम पर छह-छह प्लाट की रजिस्ट्री करा ली थी. मामले में राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो (एसीबी) रायपुर ने अपराध क्रमांक 17/2017 शासन विरुद्ध भूपेश बघेल व अन्य के अंतर्गत धारा 120 बी एवं धारा 13(1) डी सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रकरण में विवेचना उपरांत खात्मा कार्रवाई के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था. आवेदन पर विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम)दुर्ग के न्यायालय में लगाया गया था. प्रार्थी विजय बघेल की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने पक्ष रखा था.