नागपुर. नागपुर फैमिली कोर्ट ने तलाक की न्यायिक प्रक्रिया के लिए एक अभूतपूर्व तरीका बनाया है। व्हाट्सएप वीडियो कॉल के तहत अमेरिका में रहने वाली एक महिला को तलाक देने के मामले पर अदालत ने सहमति दी है।
मूल रूप से नागपुर के रहने वाले ये दंपति 2013 से अमेरिका के मिशिगन में रहते थे। 2017 से पति और पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया था। फिर दोनों अमेरिका में ही अलग-अलग रहने लगे। इस बीच, पति ने भारत वापस आकर नागपुर के फैमिली कोर्ट में अपनी तलाक की अर्जी दाखिल कर दी।
उधर अमेरिका में रहने वाली पत्नी भी तलाक के लिए तैयार थी। इसलिए दोनों के नाम से तलाक के लिए सहमति पत्र तैयार कर लिया गया। पति ने उस के लिए आवश्यक न्यायिक दस्तावेज नागपुर में ही तैयार किये थे। उधर पत्नी ने मिशिगन में अपने कागजात तैयार कर लिए और यहां पर भेज दिया।
अंतिम चरण में अदालत को पत्नी की तरफ से आए हुए कागजात की सत्यता की जांच करनी थी। इसके लिए फैमिली कोर्ट में पत्नी की उपस्थिति आवश्यक थी। हालांकि, अमेरिकी यात्रा कानून के अनुसार, अगर पत्नी भारत वापस आयी तो फिर उसे अमेरिका का वीजा मिलना मुश्किल हो सकता है। पत्नी के वकील ने कोर्ट में यह बात बताई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने पत्नी की सहमति जांचने के लिए वीडियो कॉल को मान्यता दी। जिसके बाद फैमिली कोर्ट ने सब के सामने मिशिगन में पत्नी को व्हाट्सएप वीडियो कॉल करने के लिए कहा। वीडियो कॉल के दौरान, पत्नी ने अदालत को बताया कि तलाक के लिए मेरी सहमति है और उसकी सहमति से सभी दस्तावेज तैयार किए गए थे। पूरी तरह से निपटारे के बाद, पारिवारिक न्यायालय ने इस जोड़े को तलाक देने के लिए सहमति दे दी।