दिल्ली. पेट्रोल-डीजल के दामों में रोजाना बढ़ रही कीमतों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी केन्द्र सरकार का ‘आर्थिक नीतिगत निर्णय’ है और अदालत को इसमें नहीं पड़ना चाहिए.
चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह सरकार के निर्णय पर हस्तक्षेप के लिए तैयार नहीं है. साथ ही उसने कहा,” इससे बड़े आर्थिक मुद्दे” जुड़े हैं.
कोर्ट ने कहा, ‘‘यह सरकार की आर्थिक नीति का मामला है. इससे बड़े आर्थिक मुद्दे हैं. कोर्ट को इससे अलग रहना चाहिए. सरकार ऐसा (उचित मूल्य निर्धारित करना) कर सकती है. हम उन्हें ऐसा करने के लिए निर्देश नहीं दे सकते.”
बता दें कि दिल्ली की डिजाइनर पूजा महाजन की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में ईंधन के दाम में प्रतिदिन बढ़ोतरी को चुनौती देते हुए केन्द्र को इसे आवश्यक वस्तु मानते हुए पेट्रोल और डीजल का उचित मूल्य निर्धारित करने के निर्देश देने की मांग की गई है.