भोपाल. मध्यप्रदेश के मंदसौर में 8 साल की बच्ची के रेप मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है.बता दें कि कोर्ट ने आरोपी इरफान और आसिफ को फांसी की सजा सुनाई है.कोर्ट ने इस मामले में मात्र 56 दिनों में ट्रायल पूरा कर आरोपियों की सजा सुनाई है.

बता दें कि मामला 26 जून का है जब इरफान और आसिफ नाम के दो लोगों ने स्कूल से बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था और उसकी हत्या की कोशिश भी की थी. मामले में 15 सेकेंड के सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस ने वारदात को लगभग 24 घंटे के भीतर ही सुलझा लिया था और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा नहीं बल्कि दो अहम सुरागों की भूमिका सबसे ज्यादा रही थी और वो आरोपी के जूते और हाथ में बंधा काला धागा थी.

पुलिस को 27 जून दोपहर लक्ष्मण दरवाजा के पास से बच्‍ची घायल हालात में मिली थी. इसके बाद पुलिस ने सुराग तलाशने के लिए वहां की सीसीटीवी खंगाले लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. पुलिस ने फिर सोशल मीडिया के जरिए लोगों से मदद मांगी. शहर में कई ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने-अपने फ़ुटेज जाकर पुलिस कंट्रोल रूम में सौंपे.

परिजनों ने समय पर नहीं लिखाई रिपोर्ट…

मंदसौर रेप मामले में बमुश्किल 15 सेकेंड के सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस ने घटना के लगभग 24 घंटे बाद पहले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन ये इतना आसान नहीं था क्योंकि स्कूल का सीसीटीवी कैमरा ख़राब पड़ा था और गेट के पास पर लगा सीसीटीवी कैमरा ख़राब होने के अलावा ग़लत दिशा में भी था. मंदसौर के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने बताया सबसे पहले हमने इरफान को गिरफ्तार किया. आगे पूछताछ में आसिफ को पकड़ा, अभी तक की जांच में दोनों की भूमिका पाई गई है. इस गिरफ्तारी के पीछे सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा नहीं बल्कि दो अहम सुरागों की भूमिका सबसे ज्यादा रही वो थे आरोपी के जूते और हाथ में बंधा काला धागा. पुलिस गुत्थी शायद पहली सुलझा लेती अगर बच्ची के पिता ने वक्त पर थाने में रिपोर्ट लिखवाई होती. पहले तो परिजनों ने स्कूल पहुंचने में देरी की, स्कूल को देरी के बारे में जानकारी नहीं दी फिर स्कूल की छुट्टी के तीन घंटे बाद उसके पिता ने थाने में रिपोर्ट लिखवाई.

पूरी घटना सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा जमकर फूटा था औरनीमच, मंदसौर समेत पूरे मालवा के जिले बंद रहे थे. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ फांसी की सजा मुकर्रर की है.