दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों से तकनीक का ज्यादा से ज्यादा सहारा लेने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक आदेश भी पारित किया।
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया में तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अब अदालत सम्मन और नोटिस जारी करने के लिए ई-मेल, फैक्स और व्हाट्सएप जैसे इंस्टैंट मैसेजिंग एप का इस्तेमाल करेगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले लॉकडाउन के दौरान वकीलों और वादियों को होने वाली समस्याओं का संज्ञान लेते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुकदमों की सुनवाई का आदेश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और एएस बोपन्ना की पीठ ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने यह आदेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की ओर से जारी याचिका पर दिया।
अदालत ने आदेश में कहा, लॉकडाउन के दौरान नोटिस और सम्मन के लिए कई बार डाकघर जाना संभव नहीं है। इसलिए नोटिस और सम्मन को ईमेल, फैक्स या त्वरित संदेश सेवा के माध्यम से भेजा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप का ‘ब्ल्यू टिक’ फीचर का इस्तेमाल साक्ष्य अधिनियम के तहत अदालत के नोटिसों की सेवा को साबित करने के लिए किया जा सकता है।