नई दिल्ली। संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध गुरुवार को देश के तमाम शहरों में विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. दिल्ली से लेकर पटना, हैदराबाद, बेंगलुरु मुंबई तक लोग सड़कों पर उतर आए हैं. स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने जहां कई स्थानों पर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है, वहीं दिल्ली में मेट्रों सेवा को स्थगित कर दिया है.
वामपंथी दलों की अगुवाई में हो रहे इस आंदोलन में वामपंथी दलों के छात्र संगठनों के अलावा आरजेडी और स्वराज इंडिया जैसे राजनीतिक दल भी समर्थन कर रहे हैं. दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस को गिरफ्तारी के साथ बल का प्रयोग भी करना पड़ रहा है. इस कड़ी में वामपंथी दलों के नेता डी राजा सहित इतिहासकार रामचंद्र गुहा और योगेंद्र यादव को भी हिरासत में लिया गया है. कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में सरकार ने धारा 144 लगाकर आंदोलनकारियों पर लगाम कसने की कोशिश की है.
तीन दशक बाद फिर ओढ़ा वकील का चोला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और असम के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के तौर पर पेश हुए. पेश से वकील गोगोई कोर्ट में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की मदद करेंगे. इसके पहले असम के पूर्व मुख्यमंत्री 1983 में कोर्ट में अधिवक्ता के तौर पर पेश हुए थे।