गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही. एडीजे कोर्ट ने मंगलवार को नाबालिग के दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. घर में अकेले होने का फायदा उठाकर दरिंदगी करने वाले आरोपी पंकज पठारी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है. अपर सत्र न्यायाधीश पेंड्रारोड ज्योति अग्रवाल नें घटना के 8 महीने के भीतर मामले में फैसला सुनाया.

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क्या है पूरा मामला 

दरअसल पूरा मामला 14 जनवरी 2025 को कोटमीकला चौकी क्षेत्र के एक गांव का है. जहां रहने वाला आरोपी पंकज पठारी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. जिसमें गांव में आरोपी के पड़ोस में रहने वाली एक नाबालिग लड़की के परिजन काम करने के लिए खेत चले गये थे और उसका भाई पिकनिक मनाने गया था. इसी दौरान दोपहर को जब पीड़िता नदी नहाकर अपनी सहेली के साथ वापस आई. वह घर में अकेली थी. इसी दौरान आरोपी पंकज पठारी घर में जबरन घुस गया और नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. इस मामले में आरोपी के खिलाफ पेंड्रा थाने में पाक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया था. वहीं आरोपी को दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था.

आजीवन कारावास की सजा

मामले में फैसला सुनाते हुए विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पेंड्रारोड ज्योति अग्रवाल ने आरोपी पंकज पठारी उर्फ पंकज टेकाम को पाक्सो एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आजीवन कारावास और एक हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. बीएनएस एक्ट की धारा 332(ख) के तहत अदालत ने आरोपी को सात साल का सश्रम कारावास सुनाया है. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. वहीं, अर्थदंड का भुगतान न करने की स्थिति में अभियुक्त को अतिरिक्त एक-एक माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा. प्रकरण में लोक अभियोजक कौशल सिंह ने पैरवी की.