कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर सहित आसपास के 9 जिलों में आवारा पशुओं के आतंक पर कोर्ट ने सख्त तेवर दिखाए है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी नौ जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह में अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आवारा पशुओं को लेकर किस तरह की प्लानिंग है यह भी जानकारी मांगी है।

दरअसल ग्वालियर सहित आसपास के जिलों में आवारा पशुओं की सड़कों पर भरमार देखी जा रही है। इसके साथ ही इन आवारा पशुओं के इसमें कई बड़े हादसे भी हुए हैं, साथ ही डॉग बाइट के केसों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। जिसके चलते शहर के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदोरिया ने ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें ग्वालियर हाईकोर्ट के न्याय क्षेत्र में आने वाले सभी नौ जिलों में आए दिन हो रहे आवारा पशुओं के चलते हादसों का हवाला दिया है।

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वहीं जिम्मेदार अधिकारियों से जबाब मांगा है कि इनकी रोकथाम के लिए कैसे कदम उठाए जा रहे हैं। याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा है कि इस मामले के दो पहलू सामने आए हैं। इसमें हमें जानवरों को स्थानांतरित करने के साथ-साथ इंसानों को बचाना भी है। कोर्ट ने बेहद गंभीरता से यह भी कहा है कि जानवरों को मार कर भगा देना समाधान नहीं हो सकता। यह मानव अधिकार भी नहीं है। लेकिन हमे जीवन जीने का अधिकार जरूर है।

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साथ ही यह भी ध्यान करने की बात है कि हमने उनके आशियाने में अतिक्रमण कर लिया है। लिहाजा याचिकाकर्ता की मांग पर कोर्ट ने 2021 से अब तक सभी नौ जिलों में डॉग बाइट केस की संख्या स्पष्ट करने वाली जानकारी के साथ आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम, रोड मैप और अभी तक की स्थिति की जानकारी तलब की है। ग्वालियर हाई कोर्ट के न्याय क्षेत्र में आने वाले सभी नौ जिलों के कलेक्टरों को आने वाले चार सप्ताह में इसकी जानकारी कोर्ट में पेश करनी है।

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