एटा. रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. एटा में चचेरे भाई और मामा ने किशोरी के साथ खेत पर नलकूप की कोठरी में गैंगरेप किया. वहां से बचकर निकली किशोरी थाने पहुंची. यहां पुलिस उसे दिनभर बैठाए रखी, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की. अब 25 दिन बाद अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
पूरा मामला अवागढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव का है. पीड़िता ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि 10 अप्रैल की सुबह करीब 9 बजे खेतों पर कार्य कर रही बड़ी बहन और भाई को खाना देने के लिए गई थी. नलकूप पर पहुंची ही थी तभी पीछे से दो बाइकों पर चचेरा भाई प्रशांत उर्फ नितिन, इसके मामा ओमकार, मनोज निवासी कायथा थाना नारखी फिरोजाबाद और एक अन्य व्यक्ति आए. इन लोगों ने पहले अपने हाथ से खाना खिलाने के लिए दबाव बनाया. जब ऐसा नहीं किया तो नलकूप की कोठरी में प्रशांत व ओमकार व अज्ञात व्यक्ति हाथ पकड़कर अंदर खींच ले गए.
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मनोज ने बाहर से कुंडी लगा दी. अज्ञात व्यक्ति ने अपनी अंटी से चाकू निकाला और छाती पर रख दिया. इसके बाद सभी ने दुष्कर्म किया. चीख-पुकार सुनकर बहन, भाई और खेतों में कार्य कर रहे अन्य लोग आए तो आरोपी धमकी देकर चले गए. किशोरी का आरोप है कि वारदात के बाद भाई को लेकर थाने पहुंची. यहां पुलिस ने पूरे दिन बैठाए रखने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की. अगले दिन कार्रवाई करने के लिए कहा. लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. इसके तीन दिन बाद एसएसपी से मिलने गई, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. तब अदालत की शरण ली.
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