पटना। बिहार चुनाव नतीजों के बाद महागठबंधन की करारी हार सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं बल्कि कई अंदरूनी सवालों को जन्म देने वाली राजनीतिक कहानी बन गई है। इसी बीच सीपीआई सांसद पी संदोश कुमार का बयान जैसे राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ देता है। उन्होंने खुलकर कहा हार की सबसे बड़ी वजह कांग्रेस की ढीली पकड़ और समन्वय की कमी है। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भले मंचों पर सक्रिय दिखा लेकिन जमीन पर संगठनात्मक तालमेल गायब था। उन्होंने याद दिलाया कि कई सीटों पर दोस्ताना मुकाबले ने महागठबंधन के वोटों को बांट दिया। उनके शब्द सख्त थे कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है नेतृत्व उसी को लेना चाहिए था लेकिन पहल कहीं दिखी नहीं।

हम और बेहतर कर सकते थे

कुमार ने बताते हुए खेद जताया कि कांग्रेस ने कई सीटों पर सीपीआई और आरजेडी के खिलाफ चुनाव लड़ा जिससे महागठबंधन कमजोर हुआ। उनका मानना है कि कांग्रेस की यह निष्क्रियता पूरे गठबंधन को भारी पड़ी। साथ ही वे यह भी मानते हैं कि एनडीए की योजनाओं और चुनावी रणनीतियों ने भी मतदाताओं को प्रभावित किया लेकिन अगर विपक्ष एकजुट होकर काम करता तो तस्वीर अलग होती।

सीपीआई की नई दिशा

उन्होंने कहा बिहार में सीपीआई तीसरे मोर्चे की भूमिका निभाने को तैयार है। जनता के मुद्दों पर हमारा स्टैंड स्पष्ट है और आने वाले दिनों में हम एक बड़ी विकल्प बनकर उभरेंगे।