रायपुर। कृषि विरोधी तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग को किसान का आंदोलन जारी है. आंदोलन के 19वें दिन किसानों ने अन्न त्याग कर प्रदर्शन किया. वहीं इसके समर्थन में अखिल भारतीय आव्हान के तहत आज देशभर में प्रदर्शन किया गया. छत्तीसगढ़ में भी रायपुर के अलावा भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा सहित प्रदेश भर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किये गए.
रायपुर में पंडरी स्थित रिलायन्स फाइनेंस कार्यालय के समक्ष माकपा, एसएफआई, नवजवान सभा, इंटुक, एटक, सीटू, राज्य, केंद्र, बीमा कर्मियों तथा इप्टा के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन स्थल पर ही रिलायन्स जिओ का सिम जलाकर आम जनता से अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार करने का आव्हान किया.
सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, समीर पांडे, एसएफआई के राजेश अवस्थी, नवजवान सभा के मो. साजिद रजा छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मी संघ के प्रदेशाध्यक्ष राकेश साहू, इप्टा के मिन्हास असद और निसार अली दलित शोषित मुक्ति मंच के संयोजक रतन गोंडाने, माकपा जिला सचिव प्रदीप गभने, बीमा कर्मी नेता अलेक्जेंडर तिर्की, सुरेन्द्र शर्मा, वीएस बघेल, रंगकर्मी शेखर नाग, बीसएनएल के हरिराम पाल, एसएस नशकर ने बताया कि, किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंशा तथा वामपंथी पार्टियों के देशव्यापी आव्हान के तहत पंडरी के सिमरन टावर स्थित रिलायन्स फाइनेंस के कार्यालय के समक्ष जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया तथा रिलायंस का जिओ सिम जलाया.
प्रदर्शन के बाद रिलायन्स फाइनेंस के स्थानीय प्रबंधक से मिलकर अंबानी की तिकड़मों के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया और आगाह किया कि देश में इन नीतियों को नहीं सहन किया जाएगा. अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार करते हुए देश की जनता लूट पाट वाली नीतियों के खिलाफ कारगर अभियान संचालित करने जा रही है.
प्रदर्शन में माकपा जिला सचिव प्रदीप गभने, गांधीवादी विचारक डॉ विक्रम सिंघल, अजय कन्नौजे,दावा प्रतिनिधि नवीन गुप्ता और पवन सक्सेना, नवजवान सभा के मो. साजिद निमाई गायन, केशव सरकार, रंगकर्मी मिनहाज असद ,निसार अली, पत्रकार पूर्णचन्द्र रथ, शेखर नाग, नसीम बानो, मनोज देवांगन सहित सैकड़ों की संख्या में माकपा कार्यकर्ता और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता शामिल हुए. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं.
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से तत्काल किसान विरोधी कानून को वापस लेने की मांग करते हुए अंबानी के खिलाफ तब तक प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया, जब तक तीनों कानून वापस नहीं हो जाते. प्रदर्शन के अंत में आन्दोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किसान आन्दोलन पर दमन के किसी भी कदम से सरकार को बाज आने की चेतावनी दी गई.