दिल्ली. कभी देश के कई राज्यों में कम्युनिस्ट पार्टी का शासन हुआ करता था. देश की राजनीति में कम्युनिस्ट पार्टी का कई सालों तक दखल भी रहा. आज हालात ये है कि पार्टी एक एक पैसे की मोहताज है.
पश्चिम बंगाल में लगभग 25 सालों तक राज करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) पश्चिम बंगाल में बुरी तरह से आर्थिक संकट का शिकार हो गई है. लंबे अरसे से सत्ता से बाहर रही सीपीआई के पास फंड की बेहद कमी है. हालत ये है कि पार्टी को अपने आफिस को फंड जुटाने के लिए किराए पर देना पड़ गया है.
पार्टी ने आसग्राम विधानसभा सीट में स्थित गुसकारा के आफिस को 15 हजार रुपये के किराए पर उठा दिया है. दऱअसल इस सीट को तृणमूल कांग्रेस ने सीपीएम से छीन लिया है. सीपीएम नेताओं का कहना है कि पार्टी के सत्ता में ना होने के कारण पैसे की बेहद तंगी हो रही है. जिसके चलते पार्टी ने अपने आफिस को किराए पर देकर पैसा जुटाने के लिए ये कदम उठाया है.