आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी ने हाल ही में एक पर्चा जारी किया है, जिसमें संगठन की वर्तमान स्थिति और आने वाले दिनों की योजनाओं का खुलासा किया गया है। पर्चे में संगठन ने न केवल अपने आने वाले कार्यक्रमों का ऐलान किया है, बल्कि हाल के समय में हुए बड़े नुकसान को भी स्वीकार किया है।

21वीं स्थापना वर्षगांठ का ऐलान

पर्चे में बताया गया कि संगठन की स्थापना के 21 साल पूरे हो रहे हैं। इसी मौके पर, 21 से 27 सितंबर तक वार्षिकोत्सव मनाने की योजना बनाई गई है। यह आयोजन संगठन के लिए वर्षगांठ और उत्सव का अवसर होगा।

महासचिव की मौत पर पहली बार स्वीकारोक्ति

सबसे अहम खुलासा यह है कि नक्सलियों ने पहली बार यह स्वीकार किया कि उनका महासचिव एनकाउंटर में मारा गया है। पर्चे के अनुसार, 1972 में चारू मजूमदार की मौत के बाद यह पहली बार हुआ है कि संगठन का कोई महासचिव ढेर हुआ। यह घटना 21 मई को अबूझमाड़ इलाके में हुई, जब सुरक्षा बलों के बड़े अभियान में महासचिव बसवराजु मारा गया।

भारी नुकसान की गिनती

पर्चे में यह भी उल्लेख किया गया कि पिछले कुछ समय में संगठन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है।

  • 3 केंद्रीय कमेटी सदस्य मारे गए
  • 17 राज्य कमेटी सदस्य मारे गए
  • कुल मिलाकर 366 नक्सली ढेर हुए
    इसके अलावा, पर्चे में यह भी बताया गया कि फिलीपींस में कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी का एक सदस्य भी मारा गया है।

संगठन पर संकट के बादल

पर्चे से यह स्पष्ट होता है कि नक्सल संगठन इस समय अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। एक तरफ संगठन स्थापना वर्षगांठ और वार्षिकोत्सव की तैयारी कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ लगातार हो रहे एनकाउंटर और वरिष्ठ नेताओं के मारे जाने से उनकी जमीनी पकड़ कमजोर होती जा रही है।

सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी की ओर से जारी पर्चा

संगठन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। बड़े नुकसान और सुरक्षा बलों की कार्रवाई ने न केवल उनकी ताकत घटाई है, बल्कि संगठन की रणनीति और गतिविधियों पर भी असर डाला है। पर्चे के माध्यम से नक्सलियों ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी गतिविधियों को जारी रखने की योजना बना रहे हैं।

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