रायपुर. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के आह्वान पर 25 से 31 मई तक देशभर में मंहगाई और बेरोजगारी के खिलाफ माकपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. रायपुर में भी रैली निकालकर प्रदर्शन और केंद्र सरकार से पेट्रोल पदार्थों पर उत्पाद शुल्क खत्म करने की मांग की.
रायपुर में डंगनिया से रैली निकाली गई, जो नगर भ्रमण के बाद बाजार में एक बड़ी सभा में तब्दील हो गई. इस मौके पर आमसभा को संबोधित करते हुए माकपा नेता धर्मराज महापात्र ने कहा कि बढ़ती महंगाई की सबसे बड़ी मार इस देश के शहरी-ग्रामीण गरीबों, वंचितों और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों पर पड़ रही है. यह महंगाई भाजपा की मोदी सरकार की नीतियों की उपज है, जिसके राज में वर्ष 2014 के मुकाबले पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों में कमरतोड़ वृद्धि हुई है.
महंगाई से जीवन स्तर में आई गिरावट
पार्टी नेता एससी भट्टाचार्य, प्रदीप गभने, शीतल पटेल, केके साहू ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संकट से हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नहीं उबरी है और आम जनता मजदूरी में गिरावट और बेरोजगारी का सामना कर रही है. महंगाई ने खाद्यान्न खर्च को बढ़ाया है और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें अपने आहार-खर्च में कटौती करनी पड़ रही है. इससे आम जनता के जीवन स्तर में भयंकर गिरावट आई है और वे कुपोषण के शिकार भी हो रहे हैं.
रैली में ये हुए शामिल
रैली में राज्य सचिव मंडल सदस्य कामरेड धर्मराज महापात्र, माकपा के जिला सचिव प्रदीप गभने, केके साहू, शीतल पटेल, अजय कन्नौजे, भाऊ राम वर्मा, ज्वालाप्रसाद देवांगन, रबी सोनी, राकेश लोधी, राहुल यादव, दीपक बर्वेकर, पुष्पा वर्मा, गोदावरी तारक, सुरेश देवांगन राधेलाल, भावना वर्मा, विमला साहू, दिलीप साहू, शीतल पटेल नेमसिंह, चंद्रकुमार पटेल, भावेश साहू, शैलेंद्र लोधी समेत अन्य शामिल थे.
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