प्रदीप शर्मा/गोपालगंज: जिले के भोरे में शिल्पी यादव मौत मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ चुका है. इस मामले को लेकर आज भोरे में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले ने प्रतिवाद मार्च निकाल विरोध जताया है और स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए मामले को रफादफा करने की बात कही है.
‘एक तरफा हो रही कार्रवाई’
अब से 24 घंटे पूर्व जिस कांड को लेकर गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित ने मानवीय सूचना और मोबाइल सेल फोन की जांच के बाद आत्महत्या बताया था. उस मामले में आज परिजन और राजनीतिक दलों के द्वारा एक तरफा कार्रवाई बताई जा रही है और कांड में संलिप्त आरोपियों को बचाने की बात कही जा रही है.
‘हत्या कर तेजाब पिलाया गया’
वहीं, आज प्रतिवाद मार्च के दौरान परिजनों ने सीधा स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि जिस तालाब से उसका शव बरामद किया गया था. उसके चेहरे पर कई जगह जख्म के निशान थे. उसके आगे के दांत भी तोड़ दिए गए थे. मेरी पुत्री आत्महत्या नहीं कर सकती. शराबियों ने मेरी बेटी को बारात से उठाकर हैवानियत का खेल खेला है. उसके बाद उसकी हत्या कर तेजाब पिलाया गया है.
‘हैवानियत का खेल हुआ’
वहीं, प्रतिवाद मार्च को संबोधित करते हुए भोरे विधानसभा प्रत्याशी व माले नेता जितेंद्र पासवान ने कहा है बिहार की नीतीश सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है और दूसरे तरफ अपराधी दिनदहाड़े लड़कियों को उठाकर हैवानियत का खेल कर रहे हैं. आज से कुछ दिन पूर्व बरौली थाने के बखरौर में एक दलित लड़की के साथ हैवानियत का खेल हुआ.
‘सीबीआई से कराया जाए जांच’
वहीं, उन्होंने कहा कि बैकुंठपुर थाने के राजापट्टी में दिनदहाड़े लड़की को उठाकर बलात्कार किया गया. आज भोरे में फिर एक लड़की दरिंदगी की शिकार हुई है और पुलिस सही कार्रवाई करने की जगह अपराधियों को बचा रही है. हम सरकार से मांग करते हैं कि शिल्पी यादव हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई से कराया जाए और दोषी लोगों पर स्पीडी ट्रायल चला उन्हें सजा दिलाया जाए.
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