आमोद कुमार, भोजपुर। भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य आज मंगलवार (21 अक्टूबर) को आरा स्थित माले कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने ही बयान में उलझते नजर आए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें सिंह ने कहा था कि अपराधी प्रवृत्ति के उम्मीदवारों को जनता को वोट नहीं देना चाहिए।
दीपांकर ने कहा कि, “लोकतंत्र में ऐसे लोगों से दूरी बनाना जरूरी है, जो राजनीति को अपराध के रास्ते से संचालित करते हैं।” लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे यह स्पष्ट करने को कहा कि आरके सिंह की टिप्पणी सिर्फ एनडीए नहीं, महागठबंधन के उम्मीदवारों पर भी लागू होती है, तो उन्होंने सवाल को टालते हुए विषय बदल दिया।
जिले की तीन सीटों पर मैदान में माले
प्रेस वार्ता के दौरान दीपांकर भट्टाचार्य ने भोजपुर जिले की तीन विधानसभा सीटों पर माले के उम्मीदवारों के मैदान में होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी इस बार रोजगार, शिक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी।
उन्होंने दावा किया कि, “भोजपुर हमेशा जनसंघर्ष की धरती रहा है, और इस बार भी जनता माले पर भरोसा जताएगी। यह चुनाव बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ जनमत का प्रतीक बनेगा।”
महागठबंधन के सवालों पर नहीं दिया सीधा जवाब
हालांकि महासचिव ने अपराध के खिलाफ सख्त रुख दिखाने की बात की, लेकिन महागठबंधन से जुड़े दागी उम्मीदवारों पर सवाल पूछे जाने पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उनके इस रवैये को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कहीं वे सुविधाजनक चुप्पी तो नहीं अपना रहे?
कार्यकर्ताओं में जोश, लेकिन विरोधियों के सवाल बाकी
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे और तालियों के बीच दीपांकर ने पार्टी की रणनीति साझा की। लेकिन विरोधियों का कहना है कि जब माले खुद नैतिक राजनीति की बात करती है, तो उसे सभी गठबंधनों में मौजूद दागी उम्मीदवारों पर समान रूप से बोलना चाहिए।
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