प्रदीप कुमार, गोपालगंज. Gopalganj News: जिले में भोरे थाना के पाखोपाली में हुई घटना को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले नें स्थानीय प्रशासन को सीधा कटघरे में खड़ा कर दिया है. माले नें इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. भाकपा माले ने यह बात पांच सदस्यीय जांच टीम ने पाखोपाली कि घटना पर पीड़ित परिवार से मिलने के बाद कही है.

‘घटनाओं के लिए प्रशासन जिम्मेदार’

जांच टीम ने कहा कि, दो पक्षों के बीच लंबे समय से जमीन का विवाद चल रहा था. केस मुकदमा भी चला था. दोनों पक्ष थाना और अचलाधिकारी के जनता दरबार में भी गया था. अगर जनता दरबार में यह मामला हल हो गया होता, तो इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रोका जा सकता था. पुलिस -प्रशासन कि लापरवाही से ही विजयीपुर थाना के कोरेया गांव में भी इसी तरह कि घटना घटी.

जानें क्या है मामला?

बता दें की जिस दिन (31 नवंबर) पूरा देश दीपावली मना रहा था. उस दिन गोपालगंज के भोरे थाना के खोरही में महज 13 धुर जमीन के विवाद को लेकर दीप जलाने के दौरान दो पक्ष आमने-सामने हो गए. इस खूनी झड़प में एक 40 वर्षीय व्यक्ति नवल गोंड की जान चली गई. वहीं, दोनों पक्ष के 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. मामले में भोरे थाना अध्यक्ष दीपिका रंजन ने दो लोगों को हिरासत में लिया है.

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दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

घटना को लेकर माले नेता जितेंद्र पासवान पार्टी नेताओं के साथ परिजनों से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि, ‘बिहार में जमीनी विवाद के मामले को प्रशासन द्वारा लगातार हल्के में लिया जा रहा है. यही कारण है की जमीन से जुड़े मामले में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है. जो दुखद है. प्रशासन दोषी लोगों पर उचित कार्रवाई करें.’

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