लखनऊ. सच ही कहा गया है कि सच्ची लगन और निर्मल मन से किसी उद्देशय की चाहत हो तो लाख बाधा भी आपको सफलता पाने से रोक नहीं सकती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के लाल श्याम बाबू ने। श्याम बाबू ने यूपी पीसीएस-2016 में 52 वीं रैंक हासिल करके न सिर्फ अपने माता-पिता के चेहरे पर खुशी लाई बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया है।
वर्तमान में श्याम बाबू प्रयागराज में पुलिस मुख्यालय में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है। मूल रूप से बलिया के इब्राहिमपुर गांव के 33 वर्षीय श्याम बाबू के पिता धर्मनाथ की गांव में किराने की छोटी सी दुकान है। जबकि माँ किशोरी देवी गृहणी हैं। श्याम बाबू की 5 बहन और 2 भाई है। बहनों की शादी हो गई है जबकि बड़े भाई इनकम टैक्स इंसपेक्टर हैं। श्याम बाबू की प्राथमिक शिक्षा गांव के विद्यालय हुई। वर्ष 2001 में श्री सुदिष्ट बाबा इंटर कालेज रानीगंज से हाईस्कूल व 2003 में इंटर की परीक्षा पास की। श्याम बाबू पिछले 14 से कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है।
श्याम बाबू ने कॉन्स्टेबल रहते ही स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई की और फिर उसके बाद पीसीएस की तैयारी में लग गए। वह कहते है कि गांव में रहते हुए उन्हें आईएएस और पीसीएस की परीक्षा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब वह मऊ में तैनात थे तब उन्होंने निश्चय किया की वह पीसीएस की परीक्षा में शामिल होंगे। उन्होंने कुछ परीक्षाएं दी लेकिन उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई। इसके बाद 2014 में उनकी तैनाती प्रयागराज में हुई। यहां पर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का माहौल मिला तो वह बिना सोचे समझे तैयारी में जुट गए। छ: बार असफलता पाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई।
जब पीसीएस-2016 का परिणाम आया तो अब श्याम बाबू सिपाही से एसडीएम बन गए हैं। गांव में उत्साह, घर में मिठाईयां बट रही हैं। श्याम बाबू को इस समय चारों तरफ से बधाई मिल रही है। सभी उनकी सफलता से फूले नहीं समा रहे हैं आखिर उनके लाल ने पूरे देश में गांव का नाम जो रोशन किया है।