रमेश सिन्हा, पिथौरा. महासमुंद जिले के पिथौरा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र मे बारिश ना होने से धान के फसल खत्म होने की कगार पर आ गए हैं. खंडवर्षा और अल्प वर्षा ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. वहीं क्षेत्र में पड़ रही गर्मी से लोग हलाकान हैं. क्षेत्र के किसान अपनी फसल बचाने के लिए बोर से सिंचाई का सहारा ले रहे हैं. खेतो में पानी नहीं होने से किसान खाद भी नहीं डाल पा रहे हैं.
इस बार सावन महीने में पहली बार ऐसा हो रहा है जब बारिश नहीं हो रही है. सालो का रिकॉर्ड टूटा है. एक ओर जहां छत्तीसगढ़ के बस्तर में बारिश ने तबाही मचाई हुई है, तो वहीं महासमुंद जिले के पिथौरा में सूखे का मंजर देखने को मिल रहा है.
संकट में किसान
पिथौरा में पिछले साल की तुलना इस साल बारिश बहुत कम हुई है. कुछ हिस्सों में बारिश हो रही है तो कहीं सूखे की स्थिति बनी हुई है. धान की जो बुआई की गई है वह भी नष्ट हो रही हैं. किसानों का कहना है कि इस तरह कम बारिश की स्थिति बनी रही तो क्षेत्र को सूखे का सामना करना पड़ेगा. किसानों का कहना है कि एक दो दिन और बारीश नहीं हुई तो रोपाई की गई फसल भी मर जाएगी.
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