कंपाला। पश्चिमी युगांडा में कांगो की सीमा के पास स्थित मैपोंडवे के एक स्कूल में शुक्रवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ है. यहां इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकियों के हमले में कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई.
सेना और पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले में मारे गए 41 लोगों में से 38 स्कूली छात्र थे और उनमें से कई की मौत जलने से हुई है.
पुलिस के अनुसार अशांत पूर्वी कांगो में कई वर्षों से अपने ठिकानों पर हमला कर रहे एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एडीएफ) के विद्रोहियों ने शुक्रवार को सीमावर्ती कस्बे म्पोंडवे के लुबिरिहा सेकेंडरी स्कूल पर हमला किया. इस विद्रोही हमले में मारे गए लोगों में 38 छात्र, एक गार्ड और दो स्थानीय लोग शामिल हैं.
छात्रों को चाकुओं से काटा
जांचकर्ताओं ने कहा कि डीआर कांगो के संघर्ष-ग्रस्त पूर्वी हिस्से में तैनात कम घातक समूहों में से एक, एडीएफ द्वारा देर रात के क्रूर हमले में डॉर्मिटरी में आग लगा दी गई और कई छात्रों को चाकुओं से क्षत-विक्षत कर दिया गया.
वहीं, युगांडा पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (यूपीडीएफ) के प्रवक्ता फेलिक्स कुलायेगी ने एक बयान में कहा, ‘दुर्भाग्य से वहां 37 शव बरामद किए गए, जिन्हें बावेरा अस्पताल की मोर्चरी में ले जाया गया है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस हमले में 8 लोगों की मौत हुई है. लोग घायल हो गए, जबकि छह अन्य को हमलावरों ने विरुंगा नेशनल पार्क की ओर अगवा कर लिया, जो डीआर कांगो की सीमा से लगा हुआ है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘अपहृत छात्रों को छुड़ाने के लिए यूपीडीएफ ने अपराधियों का पीछा करना शुरू कर दिया है.’ कंपाला में 2010 में हुए दोहरे बम विस्फोट के बाद युगांडा में यह सबसे घातक हमला है. उस हमले में 74 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 85 अन्य घायल हुए थे. सोमालिया स्थित अल-शबाब समूह ने तब हमले की जिम्मेदारी ली थी.
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