हेमंत शर्मा, रायपुर। क्रिकेट के प्रति जुनून की यह कहानी 15 साल के सिद्धार्थ सिंह राजपूत की है. उसका बचपन से क्रिकेट के प्रति खास लगाव था. टीवी में क्रिकेट देख कर उसी की तरह बनने का सपना देखने लगा. वह रोज दोस्तों के साथ मैदान में जाकर क्रिकेट खेलने लगा. इसकी जानकारी उसके माता-पिता को हुई तो उसे बच्चे की करियर को लेकर चिंता हुई. सिद्धार्थ को क्रिकेट खेलने से रोकने लगे. माता-पिता के लगातार रोकने से सिद्धार्थ को अच्छा नहीं लगा. और अपने सपने पूरे करने भाग जाने का फैसला कर लिया. एक दिन ट्रेन में सवार होकर गुजरात चला गया. वहां दिनरात मेहनत कर स्टेट प्लेयर बन गया.

परिजनों ने उरला थाने में 15 साल 6 महीने के सिद्धार्थ की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. परिजनों द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लगातार खोजबीन जुटी थी. जिले उरला पुलिस ने आज खोज निकाला.

पुलिस पूछताछ में सिद्धार्थ ने बताया कि वह क्रिकेट का बहुत शौकीन है. क्रिकेट खेलने जाने पर उसके माता व पिता पिता देवेंद्र सिंह राजपूत उसे डांट फटकार करता था, जिससे वह दुखी होकर रायपुर रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर अपना कैरियर बनाने के लिए वडोदरा गुजरात चला गया और वहां क्रिकेट खेलने लगा. वहां क्रिकेट खेलता था और रेस्टोरेंट में जॉब करता था. दो ढाई साल बाद कोच द्वारा जबलपुर में क्रिकेट प्रैक्टिस करने बोला. इसके बाद जबलपुर में डेढ़ माह क्रिकेट प्रैक्टिस कर जॉब भी किया.

पुलिस ने बताया कि बालक क्रिकेट क्लब द्वारा वर्तमान में स्टेट खेलता है, बालक के सुरक्षित वापस आने पर उरला थाना में उनके माता-पिता को सुरक्षित सौंप दिया. थाना उरला पुलिस ने बालक को क्रिकेट किट प्रदान किया.