हेमंत शर्मा, इंदौर। हथियारों का जखीरा बरामद करने के मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद सिकलीगर गिरोह के आधा दर्जन से ज्यादा फैक्ट्री में दबिश देकर हथियार बनाने के सामान जब्त किये हैं।
पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी प्रकाश सिंह सिकलीगर के पिता औजारों में धार लगाने का काम करते हैं। जिससे उसे बचपन से ही लोहे का काम करने में आसानी होती थी। पहले वह ताला चाबी बनाने का काम करता था। धार जिले के गंधवानी में रहने वाले सिकलीगर रवि सोलंकी के संपर्क में आने पर वह भी हथियार बनाने लगा। जिसे वह 10 से 15 हजार रुपयों में ट्रक ड्रायवरों और आपराधी किस्म के लोगों को बेच दिया करता था।
आरोपी से पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच की टीम धार जिले के सिंघाना, गंधवानी, लालबाग, बाकानेर व जिला बड़वानी के उमरठी, ओझर, शाहपुरा, खुरमाबाद एवं आरोपी के गृह निवास स्थल नवलपुरा में दबिश दी। जहाँ आरोपी देशी कट्टे, पिस्टल और मैग्जीन आदि बनाता था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के घर के पीछे हथियार बनाने के अड्डे पर दी गई दबिश के दौरान वहाँ से देशी कट्टे/पिस्टल बनाने की सामग्री बरामद हुई जिसमें छैनी, हथोडा, पाईप व कोयले से जलने की हस्तचलित हवा धौंकने की मशीन, कटर, पिंचिस, पेचकस, फाईल, रेती, स्प्रिंग, आदि सामान शामिल हैं।
आरोपी ने बताया कि वह उपरोक्त सामग्री को घर के ही पास जंगल में भट्टी लगाकर देशी कट्टे व देशी पिस्टल का निर्माण करता था जिन्हें वह आपराधिक तत्वों को बेच देता था।
ऐसे बनाते थे हथियार
जंगल मे भट्टी लगाकर लोहे के पात्रों को पिस्टल एवं देशी कट्टे के बॉडी व लकड़ी के हत्थे बनाने के लिये कटर एवं छैनी हथोडे से काटकर उसे आकार देकर, कोयले की भट्टी मे गरम कर उनको मोड़ने एवं उनको ठंडा होने पर अलग अलग हिस्सों को जोड़ने, गैस वेल्डिंग करने के उपयोग मे लेते थे।
बाद मे फाईल व रेतमाल को फिनिंसिंग व चमक के लिये उपयोग करते थे व 12 बोर देशी कट्टे की नली बनाने के लिये सायकल के फ्रेम के डंडे का पाईप तथा देशी पिस्टल बनाने के लिये 12 एम एम के सरिये का उपयोग करते थे। उसको छेद करने के लिये ड्रिल मशीन का उपयोग करते थे व सरिये को साईज से काटने के लिये कटर व लोहे की आरी का उपयोग करते थे। इसके साथ ही राउंड बनाने के लिये कबाड वालों से या फ्रिज मे उपयोग होने वाली पीतल की नली को बाजार से लाकर, उससे कारतूस बनाते थे।
उसके अंदर माचिस की तिली का मसाल व पटाखो की बारुद व फायर पिन के अंदर वाले भाग में बच्चों के उपयोग करने वाली फटाके वाली टिकली का उपयोग कर कारतूस भी बनाते थे। इस तरह से आरोपी प्रकाश सिकलीगर देशी कट्टे व देशी पिस्टल व राउंड तैयार कर बाजार मे सस्ते दामों पर बेच दिया करता था ।