Bihar Crime: बिहार में अपराधियों धमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो दिनों के अंदर चार अलग-अलग जगहों पर भाजपा नेता, वरिष्ठ वकील, शिक्षक और ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जबकि सिर्फ जुलाई (2025 के) महीने की बात करें तो प्रदेश में डेढ़ दर्जन से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। यह वारदातें न केवल आम जनता में दहशत फैला रही हैं, बल्कि सरकार की प्रशासनिक विफलता को भी उजागर कर रही हैं।

पटना में वकील और बीजेपी नेता की हत्या

राजधानी पटना के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र में रविवार दोपहर अज्ञात बदमाशों ने वरिष्ठ वकील जितेंद्र कुमार महतो (98 वर्ष) को सरेआम तीन गोलियां मार दीं। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। इस सनसनीखेज वारदात से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इससे पहले शनिवार रात पटना के पुनपुन इलाके में भाजपा नेता सुरेन्द्र केवट (52) वर्ष) की बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी। वह अपने गांव शेखपुरा लौट रहे थे, तभी उन पर अंधाधुंध फायरिंग हुई। गंभीर रूप से घायल सुरेन्द्र को पटना एम्स ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

सारण में बाइक सवार की हत्या

इसी तरह. सारण जिले के दरियापुर थाना क्षेत्र में शिक्षक (46 सवार अपराधियों ने घर के पास गोली मार दी। माक पर ही उनकी मौत हो गई, जबकि कार चालक कांग्रेस राय गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहे हैं। वहीं, पटना के पिपरा इलाके में शनिवार शाम की ही खेत में काम करने के दौरान ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी सुरेंद्र कुमार (50) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात पिपरा इलाके के शेखपुरा गांव की है। सुरेंद्र कुमार अपने खेत में काम कर रहे थे और इसी दौरान उन्हें गोली मारी गई।

क्या 90 के दशक में लौट रहा बिहार?

इन चारों घटनाओं ने राज्य सरकार के सुरक्षा दावों की पोल खोल दी है। आम जनता से लेकर पेशेवर और राजनीतिक वर्ग तक खुद को असुरक्षित महसूस कर. रहे हैं। विपक्षी दलों ने इन हत्याओं को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है। आरजेडी और कांग्रेस ने बिहार को ‘अपराधियों की शरणस्थली’ करार दिया है। बेखौफ अपराधियों का इस तरह खुलेआम गोली चलाना और फरार हो जाना राज्य को लचर कानून-व्यवस्था की तस्वीर पेश करता है।

क्या बिहार 90 के दशक में लौट रहा है. विपक्ष का कहना है कि पुलिस की गश्त “और खुफिया तंत्र पूरी तरह नाकाम नजर आ रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या बिहार फिर से १० के दशक की ओर लौट रहा है, जब अपराध और जंगलराज आम बात थी।

तेजस्वी लगातार उठा रहे हैं सवाल

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, पटना में सरेआम हत्याएं हो रही हैं। भाजपा नेता की भी गोली मारी गई है। क्या कहें. और किससे कहें। क्या एनडीए सरकार में कोई सच सुनने या अपनी गलती मानने को तैयार है? सीएम के स्वास्थ्य के बारे में तो सबको पता है, लेकिन भाजपा के दो नकारे उपमुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? भ्रष्ट भुजा-डीके पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है

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