चंद्रकांत देवांगन, भिलाई। सैंया भये कोतवाल तो डर काह का. यह कहावत भिलाई के अहिवारा स्थित देऊर झाल में उस वक्त चरितार्थ होती नजर आई जब आरटीओ के फ्लाईंग स्क्वायड के साथ गाड़ी चेकिंग के दौरान झूमाझटकी, गाली-गलौच की घटना हुई. बताया तो यह भी जा रहा है कि आरटीओ के अधिकारियों के साथ मारपीट भी की गई. और इस घटना को अंजाम दिया है साजा विधायक और संसदीय सचिव लाभचंद बाफना के भाई अशोक बाफना ने. संसदीय सचिव के भाई की नाराजगी इस बात से थी कि आरटीओ अधिकारी एबीए ट्रांसपोर्ट के तहत चलने वाली हाइवा गाड़ी की जांच कर रहे थे.
बताया जा रहा है कि एसीसी से माल लोडकर जा रही हाइवा को फ्लाइंग स्क्वायड के अधिकारियों ने ग्राम देऊर झाल के पास रोका और गाड़ी व लोड किए गए माल से संबंधित सभी पेपर मांगे. दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं होने पर गाड़ी को नंदिनी थाना ले जाया जा रहा था. उधर गाड़ी के ड्रायवर ने संसदीय सचिव लाभचंद बाफना के भाई अशोक बाफना को फोन लगा दिया.
बताया जा रहा है कि रास्ते में ही अशोक बाफना ने गाड़ी रुकवाई उस दौरान उनकी फ्लाइंग स्क्वायड के अधिकारी एएसआई प्रशांत शर्मा और आरके बर्मन से गाड़ी चेकिंग और थाना ले जाने के नाम पर जमकर विवाद हुआ. बताया जा रहा है संसदीय सचिव के भाई ने अधिकारियों के साथ गाली गलौच करते हुए उनके साथ मारपीट भी की. इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाया. झुमाझटकी की पुष्टि आरटीओ के कमिश्नर ओपी पॉल ने भी की है.
नहीं दर्ज हुई एफआईआर
संसदीय सचिव के रुतबे के आगे नतमस्तक दुर्ग जिले की नंदिनी पुलिस ने अधिकारियों की एफआईआर तक दर्ज नहीं की. थाने में भी संसदीय सचिव के भाई ने अपना राजनैतिक रसूख दिखाया और उल्टा अधिकारियों पर ही मारपीट और पैसे व सोने की चैन लूटने का आरोप मढ़ दिया. बताया तो यह भी जा रहा है कि पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने की बजाय आरटीओ अधिकारियों को संसदीय सचिव के पास समझौता कराने भी ले गई थी. लेकिन अधिकारियों ने दबाव के बावजूद समझौता नहीं किया और वापस थाना आ गए लेकिन पुलिस ने सीधे एफआईआर करने की बजाय सादे कागज में उनसे आवेदन ले लिया.
नंदिनी थाना प्रभारी ने लल्लूराम डॉट कॉम एलएस कश्यप से बातचीत में बताया कि प्रशांत शर्मा और बर्मन ने अशोक बाफना सहित 3 लोगों के खिलाफ आवेदन दिया है शासकीय कार्य में बाधा और गाली-गलौच किए जाने का. एफआईआर नहीं की गई है जांच के बाद ही जो तथ्य आएंगे उसके हिसाब से किया जाएगा.
वहीं उन्होंने बताया कि अशोक बाफना ने आरटीओ अधिकारियों के खिलाफ अश्लील गाली गलौच, 30 से 35 हजार रुपए लूटने और उनके साथ मारपीट करने का आवेदन दिया है. मारपीट में चोट लगना भी बताया है. पुलिस ने उनसे डॉक्टरी मुलाहिजा फार्म भरवाया लेकिन वे डॉक्टरी मुलाहिजा नहीं कराए और घर चल दिए.
पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से आक्रोशित अधिकारियों ने परिवहन आयुक्त ओपी पाल से मुलाकात कर उनसे शिकायत की है.
लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में परिवहन आयुक्त ओपी पाल ने बताया कि फ्लाइंग स्क्वायड को बीच-बीच में ग्रामीण क्षेत्रों में भी जाकर चेकिंग करने के आदेश दिए गए थे. शिकायत मिली है कि चेकिंग कर रहे आरटीओ के अधिकारियों के साथ झूमाझटकी, गाली गलौच हुई है. मैंने पूरी रिपोर्ट मंगवाई है. इसमें कार्रवाई करने का अधिकार पुलिस के पास है उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए.
बताया तो यह भी जा रहा है कि इस मामले में संसदीय सचिव लाभचंद बाफना ने मध्यस्तथा करने की कोशिश की थी और उन्होंने आरटीओ अधिकारियों से पुलिस में शिकायत दर्ज न करने की हिदायत दी थी. हालांकि उन्होंने दबाव दिए जाने से इंकार किया है.
संसदीय सचिव लाभचंद बाफना ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि 10-15 दिनों से आरटीओ द्वार यहां चेकिंग की जा रही है, छोटे-छोटे ट्रांसपोर्टर और गाड़ी वाले हैं उन्हें परेशान किया जा रहा है कागजात और ओवरलोड के नाम पर. वे लोग बड़ी मुश्किल से अपनी किश्त भर पा रहे है. सब की गाड़ी के कागजात पूरे हैं किसी के भी गाड़ी में ओवर लोड नहीं था. अशोक बाफना मार्निंग वाक के लिए गया था, वहां आरटीओ वालों ने उसके साथ मारपीट किया तो है लेकिन मारपीट की संज्ञा नहीं दी जा सकती. बाद में आरटीओ के अधिकारियों ने सार्वजनिक रुप से अपनी गलती स्वीकार की है और माफी भी मांगी है. आरटीओ के लोग बदमाशी तो करते हैं