शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में अनलॉक का लम्बे समय से लोग इंतजार कर रहे थे. जैसे ही अनलॉक हुआ जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटनी शुरू हुई, वैसे ही लॉकडाउन खुलते ही आपराधिक गतिविधियां लगभग तीन गुना बढ़ गई हैं, और सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि इनमे से ज्यादातर वारदातों को जिन लोगों ने अंजाम दिया है, वो पेशेवर अपराधी नहीं हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े

बता दें कि प्रदेश में अनलॉक के 17 दिन बीत चुके हैं. इन 17 दिनों में 130 चोरी, 4 लूट की वारदात हो चुकी हैं. जबकि साइबर अपराध की 28 घटनाएं और 24 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. मनोचिकित्सक सत्यकांत त्रिवेदी मानना है कि आर्थिक तंगी के कारण एक बड़ा वर्ग अपराध की ओर बढ़ रहा है. जिसे समय रहते दुरुस्त करने की जरूरत है.

इसे भी पढ़ें ः मकान का सपना हुआ महंगा, बिल्डिंग परमिशन की शुल्क में होने जा रही है बड़ी वृद्धि

पेशेवर क्रिमिनल नहीं कर रहे अपराध

ये आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन खुलते ही राजधानी में क्राइम अनलॉक हो गया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर क्राइम पेशेवर क्रिमिनल नहीं कर रहे हैं. बल्कि ऐसे लोग कर रहे हैं जिनका पहले अपराध से वास्ता नहीं रहा है. ये वो लोग हैं जो लॉकडाउन में आर्थिक रूप से टूट चुके हैं. अपराध का यह नया ट्रेंड ज्यादा गंभीर नजर आता है, क्योंकि अपराधी तो फिर भी पहचाने जा सकते हैं, लेकिन आम आदमी ही जब अपराध की ओर बढ़ जाए तो समाज, प्रशासन और सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती हो सकती है.

इसे भी पढ़ें ः नकली रेमडेसिविर में बड़ा खुलासा, 50 लाख का कर्ज चुकाने हजारों की जान को लगाया दांव पर, SIT पूछताछ में आरोपियों ने उगले राज

सामान्य लोग अपराध की ओर बढ़ रहे

निम्न से लेकर सामान्य वर्ग के अच्छे खासे पढ़े लिखे लोग अपराधों की ओर रुख कर रहे हैं. जिसकी जितनी क्षमता है वो उसी हिसाब से जुटा हुआ है. जिनकी क्षमता कम है वो चोरी लूट जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, तो पढ़े लिखे लोग साइबर क्राइम जैसी वारदातों को अंजाम देने में जुटे हैं.  समस्या गंभीर है और चुनौती बहुत बड़ी है. जिस पर समय रहते काबू पाना बहुत जरूरी है.

इसे भी पढ़ें ः राहुल गांधी को जन्म दिन की बधाई देने में शिवराज के मंत्री भूले मर्यादा, कहे ऐसी बात कि..