अभिषेक मिश्रा, धमतरी। 15 फरवरी को धमतरी के भोयना गांव से 14 साल के बच्चे को वेन सवार 4 हथियारबन्द लोग उठा ले जाते हैं. नशीली दवा और नशीला इंजेक्शन लगाते हैं. रात में जब बच्चे को मौका मिलता है, वो अपने पैरों की रस्सियां खुद खोलता है. किडनैपरों को चकमा देकर भाग जाता है और जगदलपुर पहुंच जाता है. वहां से खुद पुलिस सहायता केंद्र जाकर मदद मांगता है और परिजनों को बुलवाता है. वो कहता है कि किडनैपरों की हिंदी अलग थी. वो गोरे और लंबी कद काठी के थे. ये सारा बयान है उस 14 साल के मासूम का, जिसने घर लौट कर माता पिता और पुलिस को बताया कि कैसे उसका अपहरण हुआ और कैसे वो बच कर भाग निकला.
बता दें कि बच्चे का ये सारा बयान एक मनगढ़त कहानी निकली, जो उसने खुद के अपहरण की ऐसी कहानी बनाई कि सनसनी फैल गई. चैनलों अखबारों में सुर्खियां बनी, लेकिन रायपुर क्राइम ब्रांच में काम कर चुके और फिलहाल धमतरी डीएसपी मोहसिन खान को दाल में कुछ काला नज़र आया. बारीकी से जांच की गई तो पूरी दाल ही काली निकली.
पुलिस ने घटना के तारीख और टाइमिंग के हिसाब से पूरे रास्ते के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. बच्चे ने बताया था कि दोपहर साढ़े 3 बजे उसका अपहरण किया गया था, जबकि धमतरी बस स्टैंड के सीसीटीवी कैमरे में सवा 4 बजे वो धमतरी में दिखाई दे रहा है. बस पुलिस ने इस सुराग को पकड़ा और कहानी खोल दी. बच्चा खुद अपने घर से 500 रुपये लेकर निकला था.
लोकल बस में बैठ कर धमतरी बस स्टैंड पहुचा. यहां से उसने जगदलपुर जाने वाली बस में टिकट कटाई और पहुंच गया जगदलपुर. वहां उसे भटकते हुए जब स्थानीय पुलिस ने देखा तो पूछताछ की. खाना खिलाया और घर वालों को सूचना देकर बुलवाया. इसी बीच बच्चे ने किडनैपिंग की कहानी दिमाग में रच डाली, जिसे उसने अपने परिजनों को सुनाया और पुलिस में भी वही बयान दिया.
आखिर क्यों बच्चे ने ये कहानी बनाई, क्यों और कैसे वो जगदलपुर पहुचा. कैसे ये छोटा बच्चा एक परफेक्ट किडनैपिंग स्टोरी रचने की काबिलियत हासिल किया. इसके पीछे की हकीकत न सिर्फ हैरान करने वाली है बल्कि चिंता बढ़ाने वाली भी है. पुलिस ने बताया कि बच्चे के घर मे अक्सर कलह होता रहता था. कभी माता पिता के बीच झगड़ा, कभी ससुर और बहू के बीच कहासुनी होती थी. इस माहौल से बच्चे के दिमाग और मन पर नकारात्मक असर पड़ने लगा. वो अक्सर अकेला रहता था.
उसके कोई दोस्त नहीं थे और सबसे अहम ये की वो खाली समय में मोबाइल फोन पर वीडियो देखता रहता था. वो अंदर ही अंदर परेशान और तनाव में रहता था, जिस पर कभी बड़ों का ध्यान नहीं गया. 15 तारीख को जब नाबालिग की मां ने उसे कहा कि गुल्लक से 50 रुपये निकालो और दुकान से सामान ले आओ, तो नाबालिग ने 50 की जगह 500 निकाले और घर छोड़ कर धमतरी बस स्टैंड चला गया. वहां से जगदलपुर पहुंच गया.
धमतरी पुलिस ने बताया कि बच्चे की उम्र और उसके भविष्य को देखते हुए उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पुलिस ने चिंता जताई कि घर में बच्चों के मन का ख्याल रखा जाना जरूरी है. नज़र रखा जाना चाहिए कि बच्चा कहीं मोबाइल देखकर आपराध की तरफ तो नहीं जाने लगा या और किसी नकारात्मक गतिविधि तो नहीं सीख रहा है. टीवी पर आने वाले अपराध से जुड़े सीरियलों को भी बच्चों के मानसिक सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है.
बच्चे ने क्यों रची किडनैपिंग की कहानी ?
दरअसल, जब नाबालिग घर छोड़कर भागा तो वह जगदलपुर पहुंच गया. जहां उसे डर था कि पकड़े जाने पर घर वाले डांट फटकार करेंगे. ऐसे में उसने किडनैपिंग की कहानी बनाई और पुलिस के साथ परिजनों को सुनाई, लेकिन पुलिस ने बच्चे की झूठी कहानी का पर्दाफाश कर दिया.
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