शुभम जायसवाल, राजगढ़। मध्य प्रदेश का ऐसा गांव जहां आम इंसान तो छोड़िए पुलिस वाले भी जाने से डरते थे, लेकिन अब पुलिस अधीक्षक के डर से नजारा बदल गया है। एसपी से प्रभावित होकर अपराधी लगातार सरेंडर कर रहे है। इसी कड़ी में रविवार को 44 अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें महिलाएं भी शामिल है।
हम बात कर रहे है राजगढ़ जिले के कड़िया, हुलखेड़ी और गुलखेड़ी गांव की। जहां के सैकड़ों आरोपियों की तलाश लगभग भारत के हर राज्य के थाने में है। इसकी बानगी इसी से समझी जा सकती है कि पिछले एक साल में भारत के 1235 थानों की पुलिस यहां विभिन्न अपराधो में शामिल आरोपियों के लिए आ चुकी है। इन गांवों से पिछले साल 30 करोड़ 78 लाख की बरामदगी की गई थी। लेकिन राजगढ़ के एसपी आदित्य मिश्रा के पदस्थ होने के बाद इन गांवों का नजारा बदल गया है।
ये भी पढ़ें: आर्मी ऑफिसर से ठगी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार: जोमैटो डिलीवरी बॉय बनकर पुलिस ने आरोपी को दबोचा, जानिए कैसे लगाई थी 31 लाख की चपत
रविवार (27 अप्रैल) को 44 आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो कि इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धि है। आपको बता दें कि एसपी लगातार बड़ी कार्रवाई कर रहे है। जिससे आरोपियों में भय का माहौल है। कड़िया, गुलखेड़ी व हुलखेड़ी को अपराध की नर्सरी कहा जाता है, लेकिन आदित्य मिश्रा ने रात दिन कर इन गांवों में अभियान चालाया। कई आरोपी एसपी कार्यालय पहुंचकर स्वीकार कर रहे है कि हम एसपी से प्रभावित है और ऐसे ईमानदार अधिकारी के कारण चोरी छोड़ रहे है।
एसपी ने चलाया था ऑपरेशन प्रहार
दस दिन पहले कड़िया में एसपी आदित्य मिश्रा ने पुलिस के 186 अधिकारियों/कर्मचारियों का डेरा डाला था और रात तीन बजे से अगले दिन 6 बजे तक ये कार्रवाई चली थी। इसे ऑपरेशन प्रहार का नाम दिया गया था। इस कार्रवाई से आरोपियों में डर था और 25 आरोपियों ने समर्पण किया था। अब रविवार को फिर 44 आरोपियों ने सरेंडर किया है जो कि जिले के इतिहास में सबसे बड़ी बताई जा रही है। इस अभियान को लेकर जिले में एसपी की काफी सराहना की जा रही है और मंत्री भी खुलेमंच से एसपी की तारीफ कर चुके है।
ये भी पढ़ें: ‘काम पर आओ नहीं तो होगा निष्कासन’, हड़ताल पर बैठे अकाउंटेंट की तबीयत बिगड़ी, ICU में भर्ती, CMHO ने संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को जारी किया नोटिस
किसी भी हाल तक जाना पड़े, अपराध नहीं करने दूंगा- एसपी
राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा ने कहा कि किसी भी हालत में अपराध नहीं करने दूंगा। मुझे खुशी है कि आगे आकर लोग आत्मसमर्पण कर रहे है। वहीं राजगढ़ पुलिस की इस ऐतिहासिक कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो अपराध को जड़ से उखाड़ा जा सकता है। जब वर्दी के साथ संवेदनशीलता जुड़ जाए, तो नतीजे उम्मीद से कहीं ज़्यादा बड़े होते हैं।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें