चंडीगढ़। भाजपा में मुसीबत कम नहीं हो रही है. उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद हरियाणा सरकार पर संकट आ गई है. हरियाणा में आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. विधानसभा में बहस होने के बाद प्रस्ताव पर वोटिंग होगी. इसके मद्देनजर सत्तापक्ष और विपक्ष सभी ने अपने-अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है.

कांग्रेस का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव का मकसद भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) को बेनकाब करना है. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस कृषि कानून और किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर दिया गया है. जननायक जनता पार्टी (जजपा) खुद को किसानों की हितैषी करार देती रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में जजपा का काफी समर्थन मिला था. जजपा सरकार का साथ देती है, तो इससे ग्रामीणक्षेत्रों में पकड़ कमजोर होगी.

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बीजेपी को जजपा और निर्दलीय का समर्थन

साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 सीट, कांग्रेस को 30, जननायक जनता पार्टी को 10, निर्दलीय को 7 और लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा ने जीत दर्ज की थी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जजपा के 10 और 7 निर्दलियों में से 5 विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं. 90 सदस्यों वाली विधानसभा में दो सीट खाली हैं.