रायपुर। फसल बीमा कंपनी बजाज एलायंज ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है. कंपनी द्वारा 2014 में राजनांदगांव और कोरिया जिले के किसानों की फसलों की क्षतिपूर्ति राशि देने में गड़बड़ी करते कम भुगतान किया. कंपनी द्वारा इसमें करोड़ों रुपये का हेर-फेर किया गया. क्षतिपूर्ति कम मिलने पर किसानों ने इसकी शिकायत सरकार के पास की थी. जिसकी जांच राज्य शासन द्वारा करवाई गई. जांच में किसानों की शिकायतें सही पाई गई.
जिसके बाद राज्य सरकार ने बीमा कंपनी बजाज एलायंज को किसानों की बीमा की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है. कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव केसी पैकरा ने बीमा कंपनी बजाज एलायंज के रीजनल मैनेजर को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने आदेश दिया है कि किसानों को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ बीमा की राशि एक माह के भीतर भुगतान करें. इसके साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी है कि अगर समय सीमा के भीतर उन्होंने भुगतान नहीं किया तो सरकार कंपनी पर कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध लगा देगी जिससे वे भविष्य में फसल बीमा योजना में भाग नहीं ले सकेंगे.
सरकार द्वारा कंपनी प्रबंधक को लिखा गया पत्र
मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2014 में राजनांदगांव एवं कोरिया जिले हेतु संचालनालय कृषि को प्रतिवेदित मौसमी आंकड़ों एवं दावा भुगतान में उपयोग किए गए आंकड़ों में भिन्नता होने के कारण कृषकों को कम क्षतिपूर्ति मिलने की शिकायत प्राप्त हुई है। उक्त शिकायत का संचालनालय स्तर से की गई जॉच में मौसमी आंकड़ो के भिन्नता के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया गया है।
उल्लेखनीय है कि विभागीय अधिसूचना क. 2961 दि. 30.06.2014 के बिन्दु क, 9 में यह प्रावधान है कि ‘जिलेवार वर्षा की तिथिवार मासिक जानकारी प्रत्येक माह के 15 तारीख तक बीमा कंपनी द्वारा संचालनालय कृषि, छ.ग. को प्रस्तुत करना होगा’ तथा बिन्दु क.-17 ‘दावा भुगतान प्रक्रिया’ के बिन्दु कमांक “ग” में ‘दावा वितरण के पूर्व संबंधित बीमा कंपनी द्वारा दावा पत्रक एवं मौसम से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किया जाना है। आपके द्वारा इस संदर्भ में यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि स्काईमेट द्वारा उपलब्ध कराई गई प्रमाणिक मौसमी आकड़ो के आधार पर दावा भुगतान किया गया है, परन्तु उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है कि आपकी संस्था द्वारा विभागीय अधिसूचना में उल्लेखित प्रावधानों का उल्लंघन कर प्रमाणित जानकारी निर्धारित समयांतराल में संचालनालय कृषि को नहीं दी गई है।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि संचालनालय कृषि को निर्धारित समयावधि में प्रतिवेदित मौसमी आंकड़ों के आधार पर अंतर दावा राशि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ कृषकों को एक माह की समय-सीमा में भुगतान करे। निर्धारित समय-सीमा में दावा भुगतान न करने की स्थिति में आपकी संस्था को फसल बीमा योजनाओं में भाग लेने हेतु प्रतिबंधित किये जाने के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
अतः आदेशानुसार अनुरोध है कि उपरोक्तानुसार अवगत होते हुए कृषकों को दावा राशि भुगतान कर कृत कार्यवाही से विभाग को अवगत करावे।