रायपुर। रबी फसल बुआई का करीब दो महीने पूरे होने को हैं, लेकिन किसानों को अब तक यूरिया, डीएपी जैसे खाद नहीं मिलने से उन्हें अपनी फसल उत्पादन को लेकर चिंता सताने लगी है. एक महीने से ज्यादा समय से महासुन्द जिला के किसानों ने जिला प्रशासन, खाद्य मंत्री और सम्बन्धितों को आवेदन निवेदन कर थक चुके थे.

किसानों ने मजबूर होकर आज सिंघनपुर में नेशनल हाईवे जाम करने की तैयारी में थे, लेकिन कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर के पहल और किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चक्काजाम स्थगित किया गया. गौरतलब है कि निजी दुकानदारों द्वारा अधिक दामों में खाद बेची जा रही है, उनकी मुनाफाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए सहकारी समितियों में नगद खाद बिक्री की व्यवस्था किया जाए.

इन बिंदुओं पर बनी सहमति

तीन दिन में किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाएगा. सहकारी समितियों में नगद खाद विक्रय के लिए सहकारिता कानून में बदलाव के लिए किसानों की सात दिन के भीतर मंत्रिमंडल स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी.

खाद की कलाबाजरी को रोकने के लिए निजी खाद विक्रेताओं से सरकारी दर पर उपलब्ध करायी जाएगी. सहकारी समितियों में ऋण लेने की अवधि 28 फरवरी से बढ़ाकर 15 मार्च की गई.

बैठक में महासमुंद जिला पंचायत सदस्य एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, जनपद सदस्य सोहन पटेल, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, विद्याचरण चौधरी, लखन पटेल, कांति सागर,लोकनाथ नायक, प्यारीराम साहू, पंकज चन्द्राकर आदि सम्मिलित रहे.

https://youtu.be/0NI-uPz4rYI

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