Rajasthan RGHS Scheme: राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए हेल्थ स्कीम (RGHS) चलाई जा रही है, लेकिन हाल ही में इस योजना में करोड़ों के घोटाले की खबर सामने आई थी. दरअसल कई डॉक्टर और मेडिकल स्टोर के संचालकों द्वारा फर्जी तरीके से गबन करने का मामला सामने आया था. डॉक्टर और मेडिकल संचालकों ने एक ही मरीज के नाम पर कई बार रिपोर्ट अपलोड कर भुगतान उठाया. वहीं 275 के करीब मेडिकल स्टोर के लाइसेंस रद्द और RGHS स्किम से डिस्पेनल किए गए हैं. अब AI के जरिए मामले की जांच होगी.

RGHS में गम्भीर अनियमितता बरतने के कारण प्रदेश के कुछ अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर्स और फॉर्मा स्टोर्स के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. दोषी अस्पतालों का डिएम्पेनलमेंट किया गया है. साथ ही गलत दावों पर पेनाल्टी एवं ब्याज सहित वसूली तथा राजकीय कर्मचारियों के मामले में कार्ड निलंबन तथा पेनल्टी की वसूली अमल में लाई गई है.

अब AI के जरिए होगी जांच

शासन सचिव, वित्त (व्यय) नवीन जैन ने बताया कि योजना में अनियमितता और दुरुपयोग रोकने के लिए AI तकनीक और विशेषज्ञों की मदद से क्लेम्स का गहन विश्लेषण किया जा रहा है. आरजीएस योजना के क्रियान्वयन में खामियों और शिकायतों के चलते कई अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर तथा फार्मा स्टोर्स जांच के घेरे में हैं. जांच के दायरे से बाहर अस्पतालों, फॉर्मेसी स्टोर्स तथा कर्मचारियों, पेंशनरों को पूर्व की तरह आरजीएचएस के सभी लाभ देय होंगे, इसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर विभाग की हेल्पलाइन 181 अथवा पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी.

RGHS में भी बायोमैट्रिक्स व्यवस्था होगी लागू

उन्होंने कहा कि आईपीडी तथा ओपीडी में फोटो की अनिवार्यता करने से पारदर्शिता आई है. अब राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त होने के बाद शीघ्र ही RGHS योजना में आयुष्मान योजना की तरह बायोमेट्रिक्स व्यवस्था लागू की जाएगी.

फर्जी स्लिप पर दवा देने से बचें दवा विक्रेता

जैन ने कहा कि आरजीएचएस में पंजीकृत फॉर्मासिस्ट तथा दुकानदार योजना के तहत दवाएं देने के संबंध में प्रस्तुत की गई ओपीडी स्लिप में लाभार्थी का नाम तथा आरजीएचएस कार्ड स्पष्ट रूप से चेक करें. साथ ही ओपीडी की पर्ची तैयार करने वाले चिकित्सक के नाम, हस्ताक्षर, आरएमसी नंबर स्पष्ट न होने पर जांच कर लें. इससे गलत प्रकार से फर्जी ओपीडी स्लिप पर दवा देने से बचा जा सकता है.